लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। छात्रवृत्ति लेने के लिए छात्रों की बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज होना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकारी, निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को 15 दिन के अंदर अपने यहां इसकी व्यवस्था करानी होगी।
समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक शैक्षिक सत्र में 75 प्रतिशत या उससे ऊपर उपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक भत्ता और शुल्क प्रतिपूर्ति का पात्र माना गया है। संस्थाओं को हर माह इसकी जानकारी समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। 75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्र इसके लिए पात्र नहीं होंगे।
समाज कल्याण निदेशक ने कहा है कि छात्रवृत्ति के लिए मास्टर डाटा में शामिल सभी राजकीय, अनुदानित व मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों में आधार बेस उपस्थिति प्रणाली (बायोमेट्रिक अटेंडेंस) के लिए उपकरण लगाया जाना अनिवार्य है। इसके लिए पहले भी संस्थाओं को जानकारी दी जा चुकी है। प्रत्येक संस्थान स्तर पर छात्रों के पाठ्यक्रमवार उपस्थिति को राज्य स्तर पर एकत्र करने की जिम्मेदारी एनआईसी और श्रीट्रान इंडिया लिमिटेड को दी गई है।