बस्ती। बिना मान्यता के स्कूल चलाने वालों पर बेसिक शिक्षा विभाग एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाएगा। इसके बावजूद स्कूल खुले तो दस हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने एडी बेसिक और बीएसए को निर्देश जारी किया है कि अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 18 के तहत अब निजी स्कूल बिना मान्यता के नहीं चल सकेंगे। पहली से पांचवीं के लिए बीएसए तथा छठीं से आठवीं तक के लिए बेसिक शिक्षा उप निदेशक से मान्यता प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा। इस संबंध में हर सप्ताह विभाग बैठक करेगा। मान्यता के आए आवेदन पत्रों की जांच के बाद स्कूलों को मान्यता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। इसके बाद विभागीय टीमें क्षेत्र का दौरा कर फर्जी तरीके से चल रहे स्कूलों का पता लगाएंगी। बेसिक शिक्षा निदेशक ने बीएसए को आदेशित किया है कि जिले में बिना मान्यता के संचालित स्कूलों को चिह्नित करके उचित कार्रवाई करें। कितने स्कूलों पर कार्रवाई की गई, इसकी सूचना प्रत्येक शुक्रवार को मुख्यालय को दी जाए। बिना मान्यता के स्कूल पकड़े जाने पर एक लाख रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले जाएंगे। अगर स्कूल संचालक बाज नहीं आए तो दस हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा। इसका उद्देश्य अभिभावकों को बिना मान्यता के शिक्षण संस्थाओं के झांसे में आने से बचाना है। निरीक्षण के दौरान देखा जाएगा कि स्कूल को जिस कक्षा की मान्यता मिली है वही कक्षा संचालित है या नहीं।
शासन से पत्र मिला है। सभी बीईओ को बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों की सूची तैयार करने को कहा है। ऐसे स्कूल प्रकाश में आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
-जगदीश शुक्ला, बीएसए