इंटरमीडिएट का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में जेल भेजे गए बलिया के निलंबित जिला विद्यालय निरीक्षक ब्रजेश मिश्र पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। उनके पास आय से अधिक संपत्ति होने के आरोपों की भी जांच कराई जा सकती है। शिक्षा विभाग के दो पूर्व अफसरों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की जांच पहले से चल रही है। इन दोनों पर भी आय से अधिक संपत्ति के आरोप हैं।
शासन ने निदेशक साक्षरता, वैकल्पिक शिक्षा, उर्दू एवं प्राच्य भाषाएं के पद पर रहे संजय सिन्हा को पांच मार्च 2021 को निलंबित करते हुए विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। फिर 31 अगस्त 2021 को वह सेवानिवृत्त हो गए। जांच में शिकायतों को गंभीर और प्रथमदृष्ट्या सही पाए जाने पर सितंबर 2021 को विजिलेंस को खुली जांच की अनुमति दे दी गई। संजय सिन्हा अपने सेवाकाल में नौ वर्षों तक बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव रहे। सचिव के रूप में उनके इस कार्यकाल के दौरान विभिन्न अनियमितताओं की शिकायतों पर तत्कालीन महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जांच की थी। लगभग एक वर्ष तक चली इस जांच में संजय सिन्हा पर अनियमित रूप से लगभग एक हजार शिक्षकों के तबादलों का अनुमोदन करने तथा नौ से 10 जिलों में मृतक आश्रित के रूप में अनियमित नियुक्तियां किए जाने की शिकायतें सही पाई गईं। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें निलंबित कर विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए। यह जांच अभी चल रही है।
इससे पहले 12 सितंबर 2017 को शासन ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पद से सेवानिवृत्त वासुदेव यादव की संपत्तियों की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। वर्ष 2014 में शिक्षा निदेशक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वासुदेव यादव ने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी और फिर विधान परिषद के सदस्य चुन लिए गए थे। अप्रैल 2021 में सामने आई विजिलेंस की जांच रिपोर्ट में वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाए गए। जांच में विजिलेंस को उनकी संपत्तियां आय से 109 फीसदी अधिक मिली थीं। इसके बाद विजिलेंस ने उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।