गोरखपुर, महराजगंज जिले में परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के लिए संचालित मध्याह्न भोजन योजना में खानापूर्ति जारी है। आलम यह है कि अधिकतर विद्यालयों में बच्चों की थाली से फल व दूध गायब हो चुका है। बच्चों को योजना का सही लाभ नहीं मिल पा रहा है। उधर विभाग की ओर से भी ध्यान न दिए जाने से एमडीएम तैयार कराने के जिम्मेदार शिक्षक व ग्राम प्रधानों की मनमानी थम नहीं पा रही है।
यह है योजना
जिले के 2221 परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त बच्चों को दोपहर में बना- बनाया भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मिड-डे-मील योजना का संचालन किया जा रहा है। योजना के तहत सप्ताह के प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग मीनू तय किया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक सोमवार को बच्चों को एक सीजनल फल व बुधवार को दो सौ मिली ग्राम की दर से दूध उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
शुरुआती दौर में तो दूध व फल वितरण की सच्चाई परखने के लिए लगातार चल रहे अधिकारियों के निरीक्षण के चलते तो व्यवस्था ठीक चलती रही लेकिन जैसे ही अफसरों की ओर से निगरानी कम हुई अधिकतर विद्यालयों ने फल व दूध से पूरी तरह किनारा कर लिया। इसी तरह भोजन बनाए जाने में भी खानापूर्ति की जा रही है। वैसे तो इसकी शिकायत आए दिन होती रहती है, लेकिन पिछले दिनों सदर, लक्ष्मीपुर, और निचलौल क्षेत्र में खंड शिक्षा अधिकारियों के निरीक्षण में भी एमडीएम के क्रियान्वयन में मनमानी मिली। उनकी रिपोर्ट पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र लिखकर ग्राम प्रधानों पर कार्रवाई का भी निर्देश दिया है।
इन विद्यालयों में नहीं हो रहा फल व दूध का वितरण: लक्ष्मीपुर व नौतनवा के खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए एक जांच रिपोर्ट के अनुसार नौतनवा के नरायनपुर, और लक्ष्मीपुर के खालिकगढ़, अराजी सुबाइन, सोनराडीह में एमडीएम में मनमानी और फल व दूध वितरण न कराये जाने की बात सामने आई है।
अभिभावक व बच्चों को गुमराह करते हैं जिम्मेदार: विद्यालयों में एमडीएम को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा ग्राम प्रधान और प्रधानाध्यापक अभिभावकों और बच्चों को गुमराह करने का कार्य करते हैं। मिठौरा ब्लाक क्षेत्र के बौलिया राजा निवासी विनय कुमार ने बताया कि ग्राम प्रधान कहते हैं कि फल व दूध के लिए बहुत पहले ही बजट आया था, अब नहीं आता है। वहीं प्रधानाध्यापक भी इस पर ध्यान नहीं देते।
क्या तय है मीनू
सोमवार : रोटी, सब्जी, जिसमें सोयाबीन अथवा बड़ी का प्रयोग एवं ताजा मौसमी फल
मंगलवार : चावल-दाल (दाल चना, अरहर व अन्य कोई)
बुधवार : तहरी एवं उबला हुआ गरम दूध
गुरुवार : रोटी-दाल (दाल चना, अरहर व अन्य कोई)
शुक्रवार : तहरी, जिसमें सोयाबीन व बड़ी का प्रयोग हो
शनिवार : चावल-सोयाबीनयुक्त सब्जी
अधिकारी बोले
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने बताया कि विद्यालयों पर लगातार स्वयं के अलावा खंड शिक्षा अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया जाता है। एमडीएम में लापरवाही करने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।