लखनऊ। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही बाजार से स्कूल यूनिफॉर्म का स्टॉक गायब हो गया है। मांग ज्यादा है, जिसके सापेक्ष उत्पाद बाजार में उपलब्ध नहीं है। शर्ट, पैंट, जूते-मोजे, बेल्ट समेत पानी की बोतल, टिफिन और बैग तक की शॉर्टेज हो गई है। अभिभावकों का पूरी ड्रेस नहीं मिल पा रही है। व्यापारियों के अनुसार मांग तीन गुना बढ़ गई है, जिसके सापेक्ष केवल 40 प्रतिशत सामान ही अभिभावकों को उपलब्ध करा पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्थिति सामान्य होने में करीब तीन महीने का वक्त लग सकता है।
दो साल बाद एक अप्रैल से स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र विधिवत शुरू हुआ है। बच्चों के पठन-पाठन के लिए यह स्थिति काफी अच्छी है, लेकिन उनके स्कूल यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, बैग, टिफिन आदि को लेकर बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। अभिभावक यूनिफॉर्म की दुकानों पर चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनको ये सामग्री नहीं मिल पा रही है। दो साल बाद अचानक मांग ज्यादा होने और उसके सापेक्ष सप्लाई न होने से माल बाजार से गायब हो गया है। यूनिफॉर्म कारोबार से जुड़े व्यापारियों के अनुसार इस सत्र में पिछले तीन साल की मांग एक साथ आ गई है। कोरोना काल में मांग कम होने से सप्लाई कम हो गई थी। इस दौरान व्यापारियों ने जो सामग्री मंगाई थी और जिनका ऑर्डर दिया था वह फंस गई थी। कोरोना काल में कारोबार कम हुआ तो फैक्ट्रियों से लेबर गायब हो गए थे।
उत्तर प्रदेश स्कूल यूनिफॉर्म एसोसिएशन के महामंत्री ऋषि मेहरा ने बताया कि अब लेबर कम हैं। माल सप्लाई करने के लिएकंपनियों के पास संसाधन उतने ही हैं, लेकिन मांग तीन गुना तक पहुंच गई है। उदाहरण के तौर पर रोजाना औसतन यदि 500 ग्राहकों की डिमांड आती है तो वे केवल 200 लोगों को ही सप्लाई दे पाते हैं। उन्होंने बताया कि हम इस स्थिति में नहीं हैं कि सभी की डिमांड पूरी कर सकें। माल की कमी बहुत हद तक जुलाई में ही पूरा कर पाएंगे।
20 से 40 प्रतिशत तक बढ़े दाम
एक तरफ जहां अभिभावकों को यूनिफॉर्म नहीं मिल पा रही है तो दूसरी तरफ उन्हें अधूरी यूनिफॉर्म के लिए ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहा है। व्यापारियों के अनुसार ड्रेस, जूते-मोजे, बैग, टिफिन आदि के करीब 15 से 20 प्रतिशत तक दाम बढ़ गए हैं। हालत यह है कि जब वे डिमांड भेजते हैं तब रेट कुछ और होता है और जब माल बाजार में सप्लाई होता है उसके दाम बढ़े हुए होते हैं। उत्तर प्रदेश स्कूल यूनिफॉर्म एसोसिएशन के महामंत्री ऋषि मेहरा ने बताया कि धागा, कपड़े आदि कच्चे माल के दाम काफी बढ़ गए हैं। इससे यूनिफॉर्म के दाम में भी वृद्धि हुई है। सामान्य रूप जो स्कूली बच्चों का जूता 250 रुपये में बेचते थे उसे अब 350 रुपये में बेच रहे हैं। ब्रांडेड जूते जो 500 रुपये से शुरू होते थे वे अब 700 रुपये से शुरू होते हैं। तेलीबाग स्थित मास्टर यूनिफॉर्म के ओनर आदित्य सिंह ने बताया कि यूनिफॉर्म के दाम तो बढ़े ही हैं, डिमांड ज्यादा होने से शॉर्टेज भी बहुत है। रेट बढ़ने सेजो शर्ट 120 रुपये में मिलती थी वह अब 170 रुपये में बेची जा रही है और औसतन जो पैंट 200 रुपये में बिकता था व 250 में बिक रहा