चार अप्रैल से पूरे प्रदेश में स्कूल चलो अभियान जोर-शोर से शुरू हो गया। बरेली में भी अभियान के तहत 4.10 लाख विद्यार्थियों के पंजीकरण का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षकों की कमी अभियान की सफलता पर सवाल उठा रही है।
देहात क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में तो शिक्षकों की संख्या अच्छी है मगर नगर क्षेत्र में हालात खराब हैं। नगर क्षेत्र बरेली के 109 स्कूलों में से 39 स्कूल ऐसे हैं जिनमें सिर्फ एक ही शिक्षक या शिक्षामित्र तैनात है। सवाल यह है कि जब स्कूलों में शिक्षक ही नहीं होंगे तो आखिर बच्चों का प्रवेश लेने से भी क्या लाभ होगा। नगर क्षेत्र में हालात बहुत ही खराब है। प्राइमरी स्कूल अनाथालय, बाग गुद्दड़ प्रथम, बाग गुद्दड़ द्वितीय, बंडिया, बांसमंडी प्रथम, बाजार संदल खान प्रथम, बाजार संदल खान द्वितीय, बेनीपुर चौधरी, बिहारकलां, बुधौलिया, चौधरी मोहल्ला प्रथम, चौपला, गढ़िया द्वितीय, गांधी बेसिक, गोविंदपुर, गुलाबनगर, जखीरा प्रथम, काजीटोला, कन्हैया टोला, कंजादासपुर, कटघर प्रथम, खन्ना गौटिया,ख्वाजा कुतुब, कुंवरपुर प्रथम, लोधी राजपूत, माधोबाड़ी, महलऊ, एनई रेलवे, नई कोतवाली, परतापुर चौधरी, पस्तौर, पुरानी कोतवाली, पीर बहौड़ा, सहसवानी टोला, सनैया धनसिंह, सनैया रानी मेवा कुंवरपुर, सरनिया, सूफी टोला सेकेंड, यूपीएस खड़ौआ द्वितीय, यूपीएस रहपुरा चौधरी जैसे स्कूल आज भी एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। पांच-पांच कक्षाओं के बच्चे एक शिक्षक के संभालना बेहद कठिन है। ऐसे में पढ़ाई के नाम पर बस खानापूरी ही होती है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मी निभा रहा भूमिका
प्राइमरी स्कूल चौपला में एकमात्र शिक्षक के रूप में सचिन बच्चों को संभालते थे। बीते वर्ष 24 नवंबर को उनका दुर्घटना में निधन हो गया था। ठीक एक दिन पूर्व स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजेश की भी बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी। स्टाफ के दोनों सदस्यों की मृत्यु के कारण स्कूल बंद हो गया। स्कूल खोलने के लिए 23 फरवरी 2022 को प्राइमरी स्कूल एनईआर के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मुकेश कुमार को तैनात कर दिया गया। मुकेश कक्षा 8 पास हैं, अब मुकेश ही शिक्षक की भूमिका भी निभा रहे हैं। स्कूल में कुल 54 बच्चे पंजीकृत हैं।
तीन स्कूल हो गए बंद
नए सत्र में प्राथमिक स्कूल उदयपुर, प्राथमिक स्कूल पुरानी कोतवाली और प्राइमरी स्कूल कटघर प्रथम का स्टाफ रिटायर हो गया। अब यह स्कूल बंद हो गए हैं। अभिभावक नगर शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। अभी तक इन स्कूलों को खोलने का प्रयास सफल नहीं हुआ है। इस बारे में बीएसए विनय कुमार ने बताया कि नगर में उपलब्ध शिक्षकों के हिसाब से स्कूलों का संचालन कराया जा रहा है। जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, वहां जल्द ही शिक्षक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।