प्रयागराज : प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) एवं प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी)-2021 के चयनितों के समायोजन पर विभिन्न प्रकार की भ्रांतियों पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने ‘श्वेत पत्र’ जारी किया है। इसमें कहा है कि कई जिला विद्यालय निरीक्षकों ने तदर्थ शिक्षकों को बनाए रखने के प्रयास में चयनित शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया। उल्टे, अन्यत्र समायोजन का प्रस्ताव भेजकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है। ऐसे में चयन बोर्ड ने टीजीटी के 174 व पीजीटी के 40 से ज्यादा समायोजन प्रस्तावों को विभिन्न जनपदों को वापस कर कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए हैं। चयन बोर्ड के सचिव नवल किशोर के मुताबिक विभिन्न जनपदों से मिले प्रस्तावों के परीक्षण में पाया गया कि टीजीटी के कुल 568 प्रस्ताव में से 174 ऐसे हैं, जिनका पैनल उन जगहों के लिए भेजा गया
था, जहां पर पूर्व से तदर्थ शिक्षक कार्यरत थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में ये तदर्थ शिक्षक चयन प्रक्रिया से चयनित शिक्षक आने तक ही नियुक्ति रह सकते थे। ऐसे में चयन बोर्ड ने समायोजन प्रस्ताव जिलों को लौटा दिए। इसके अलावा 120 प्रस्ताव के लिए कोई सत्यापन रिपोर्ट जिला विद्यालय निरीक्षकों ने नहीं भेजी है। इसके अलावा 69 प्रस्तावों में समायोजन किए जाने का कोई आधार जिला विद्यालय निरीक्षकों ने उल्लेखित नहीं किया है। इसके अतिरिक्त प्रवक्ता संवर्ग में 18 अभ्यर्थियों के कार्यभार ग्रहण न करने का कोई आधार चयन बोर्ड को नहीं बताया गया। ऐसे में इन प्रस्तावों को लौटाकर पूर्व में भेजे पैनल के मुताबिक कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अन्य प्रस्तावों पर समायोजन कर दिया गया है। सचिव के मुताबिक कुल 703 समायोजन के लिए प्राप्त प्रस्ताव में अब मात्र 155 प्रस्ताव इसलिए लंबित रह गए हैं कि उनके संबंध में सत्यापन आख्या जिला विद्यालय निरीक्षकों से चयन बोर्ड को प्राप्त नहीं हुई है।