सम्मिलित राज्य/प्रवर सेवा (पीसीएस) परीक्षा-2022 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल थी। प्रतियोगी छात्रों का दावा है कि आवेदन के अंतिम दिनों में सर्वर डाउन होने के कारण हजारों की संख्या में अभ्यर्थी आवेदन से वंचित रह गए। बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्रों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष को ईमेल भेजकर आवेदन की तिथि बढ़ाए जाने की मांग की है। वहीं, शनिवार को एनएसयूआई और आइसा के बैनर तले प्रतियोगी छात्रों आयोग में सचिव को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा
पीसीएस के 250 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 16 मार्च से शुरू हुई थी। ऑनलाइन आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 12 अप्रैल और आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल निर्धारित की गई थी।
प्रतियोगी छात्रों का दावा है कि अंतिम तिथि से दो-तीन दिन पहले आयोग का सर्वर डाउन हो गया और हजारों अभ्यर्थी आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके। हालांकि आयोग के सूत्रों का कहना है कि अंतिम तिथि तक पांच लाख से अधिक आवेदन आए हैं। वहीं, अभ्यर्थियों का कहना है कि पिछली बार आवेदनों की संख्या सात लाख तक पहुंची थी। सर्वर डाउन होने के कारण हजारों अभ्यर्थी आवेदन से वंचित रह गए। अगर आयोग आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाता है तो आवेदनों की संख्या बढ़ेगी।
कभी अभ्यर्थी हो जाएंगे ओवरएज
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा के बाद कई अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु सीमा पूरी हो रही है। सर्वर डाउन होने के कारण ऐसे अभ्यर्थी भी आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके और इसके बाद ओवरएज होने के कारण अगली परीक्षा में आवेदन नहीं कर सकेंगे। अगर आयोग ने उन्हें मौका नहीं दिया तो उनका भविष्य चौपट हो जाएग।
एनएसयूआई और आइसा के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग में ज्ञापन देकर मांग की कि आवेदन के लिए पोर्टल पुन: खोला जाए और अंतिम तिथि बढ़ाई जाए, ताकि अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल सके। ज्ञापन देने वालों में एनएसयूआई से सत्यम कुशवाहा, वैभव सिंह, आदर्श भदौरिया, हर्षित द्विवेदी, आइसा से शैलेश पासवान, वीरेंद्र विद्यार्थी, शिवशंकर सरोज, जितेंद्र धनराज आदि शामिल रहे।
‘अभ्यर्थियों का ज्ञापन मिला है। कई ईमेल भी आए हैं। सर्वर डाउन होने से संबंधित अभ्यर्थियों की शिकायत का परीक्षण कराया जाएगा और इसके बाद आयोग कोई निर्णय लेगा।’- जगदीश, सचिव, यूपीपीएससी