गोरखपुर, परिषदीय स्कूलों की कहानी कुछ अजीबों-गरीब है। अभी दो दिन पहले कक्षा एक से लेकर आठ तक की वार्षिक गृह परीक्षा खत्म हुईं हैं। परीक्षा खत्म होने के साथ ही मूल्यांकन प्रणाली में अचानक बदलाव कर दिया गया है। सभी पेपर 50 अंकों में लिए गए थे, लेकिन मूल्यांकन 100 अंकों में किया जाएगा। नए आदेश से कापियों का मूल्यांकन करने वाले शिक्षक परेशानी में पड़ गए हैं।
50 नंबर पर हुईं हैं कक्षा एक से पांच तक की परीक्षाएं
वार्षिक परीक्षा में इस बार प्रत्येक प्रश्नपत्र 50 अंक का हुआ है पर मूल्यांकन सौ नंबर के आधार पर करने के निर्देश दिए गए हैं। यानी कहा जाए तो बच्चों ने परीक्षा 50 नंबर की दी पर उन्हें अंक सौ मिलेंगे। जबकि कक्षा एक में सौ नंबर की मौखिक, कक्षा दो व तीन में 50-50 नंबर की मौखिक व लिखित तथा कक्षा तीन से पांच में तीस नंबर की मौखिक व 70 की लिखित परीक्षा हुई है। ऐसे में नंबर भी ऐसे ही दिए जाने चाहिए थे।
बेसिक शिक्षा परिषद के फरमान से परेशानी में पड़े शिक्षक
शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने 31 मार्च को रिजल्ट घोषित करने के निर्देश के क्रम में 50 नंबर पर ही कापियों का मूल्यांकन कर लिया था। ऐसे में नए फरमान के बाद कापियों का या तो फिर से मूल्यांकन करें या वह अपने हिसाब से अंकों का निर्धारण कर बच्चों को रिपोर्ट कार्ड दें।
नहीं रोकी जाएगी किसी बच्चे की कक्षोन्नति
परिषद ने रिपोर्ट कार्ड देने के साथ ही यह भी पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कक्षा एक से आठ तक किसी भी विद्यार्थी की कक्षोन्नति नहीं रोकी जाएगी। साथ ही यह भी कहा है कि रिपोर्ट कार्ड में सत्र परीक्षा एवं अर्द्ध वार्षिक परीक्षा का कालम रिक्त रखा जाएगा तथा वार्षिक के पूर्णांक एवं प्राप्तांक को सौ अंकों के सापेक्ष परिवर्तित करते हुए रिपोर्ट कार्ड में पूर्णांक सौ अंक एवं सौ अंकों के सापेक्ष प्राप्त किए गए अंकों को अंकित किया जाएगा।
परिषद ने पूरे प्रदेश के लिए यह निर्देश जारी किया है। ऐसे में रिपोर्ट कार्ड उसी के तहत तैयार किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को निर्देश दे दिए गए हैं। – रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए।