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प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) प्रायोगिक परीक्षा के आयोजन को लेकर एक नीति पर अडिग नहीं है। इसी का नतीजा है कि परीक्षकों की | नियुक्ति को लेकर परिषद के सचिव ने 24 घंटे के भीतर ही अपना आदेश पलट दिया। पहले उन्होंने नवीन व्यवस्था बनाते हुए केवल राजकीय एवं सवित्त विद्यालयों के अध्यापकों को ही परीक्षक नियुक्त किए जाने का आदेश 18 अप्रैल को किया ।
फिर 18 अप्रैल को ही क्षेत्रीय सचिवों को दूसरा पत्र लिखा। इसमें केवल राजकीय एवं सवित्त विद्यालयों के अध्यापकों की ही परीक्षक नियुक्त | करने की बात हटा दी। यानी कि अब वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक भी परीक्षक बन सकेंगे। इसके अलावा लिखित परीक्षा केंद्र पर प्रयोगात्मक परीक्षा कराने के निर्णय का भी विरोध शुरू हो गया है।
“परिषद की इंटरमीडिएट की प्रथम चरण की प्रायोगिक परीक्षा 20 अप्रैल से शुरू किए जाने की तिथि निर्धारित की गई है।