राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड करने वाले 20 हजार अभ्यर्थियों का उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2021 का परिणाम फंस गया है। हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने इन अभ्यर्थियों को टीईटी में शामिल तो कर लिया था।
लेकिन परिणाम घोषित करने की बजाय अब विभाग एकलपीठ के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील करने जा रहा है। इस संबंध में परीक्षा नियामक ने तैयारियां शुरू कर दी है और शासन से अनुमति मांगी है। टीईटी में शामिल अभ्यर्थियों के परिणाम में कोर्ट केस लिखकर आ रहा है।
टीईटी और शिक्षक भर्ती में किया था मान्य
पटना हाईकोर्ट के जनवरी 2020 में फैसले के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यह कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को टीईटी और शिक्षक भर्ती में मान्य किया था। केंद्र सरकार ने निजी विद्यालयों में पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए एनआईओएस की ओर से डीएलएड प्रशिक्षण की व्यवस्था की थी। यूपी में तकरीबन 1.50 लाख अभ्यर्थियों ने एनआईओएस से 18 महीने का डीएलएड किया है।
● कोर्ट के आदेश पर परीक्षा में शामिल हुए थे ये अभ्यर्थी
● अब डबल बेंच में याचिका करने जा रही प्रदेश सरकार
● इन अभ्यर्थियों के परिणाम में कोर्ट केस लिखकर आ रहा
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड करने वाले 20 हजार अभ्यर्थियों का उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2021 का परिणाम फंस गया है। हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने इन अभ्यर्थियों को टीईटी में शामिल तो कर लिया था।
लेकिन परिणाम घोषित करने की बजाय अब विभाग एकलपीठ के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील करने जा रहा है। इस संबंध में परीक्षा नियामक ने तैयारियां शुरू कर दी है और शासन से अनुमति मांगी है। टीईटी में शामिल अभ्यर्थियों के परिणाम में कोर्ट केस लिखकर आ रहा है।