वीडीओ पर अनोखा दंड बच्चों को लंच कराएंगे
लखनऊ : सूचना के अधिकार कानून के तहत बुधवार को राज्य सूचना आयोग ने देरी से जानकारी देने पर गाजीपुर के एक ग्राम्य विकास अधिकारी पर अनोखा दण्ड लगाया है।
इस दण्ड के तहत गाजीपुर के विकासखंड मरदहा के नूनरा क्षेत्र के ग्राम विकास अधिकारी चंद्रिका प्रसाद को देरी से जानकारी देने पर सांकेतिक दण्ड लगाते हुए आदेश दिए गए हैं कि वह गांव के प्राथमिक विद्यालय के 250 छात्र-छात्राओं को दोपहर का भोजन करवाएंगे। इस भोजन पर आने वाली लागत 25 हजार रुपये तक होनी चाहिए। यह आदेश बुधवार को राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने एक मामले की सुनवाई के बाद अपने फैसले में दिया है। आवेदक भूपेन्द्र कुमार पाण्डेय ने आरटीआई के तहत 2016 में गाजीपुर के संबंधित जनसूचना अधिकारी से जानकारी मांगी थी। समय से जानकारी न देने पर यह मामला राज्य सूचना आयोग में आया। मामले की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने पाया कि जन सूचना अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने जानकारी प्रदान देने में जानबूझकर देरी नहीं की।
उनके द्वारा अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण देरी हुई थी। इसलिए उन पर प्राथमिक विद्यालय के 250 छात्रों को भोजन कराने का जुर्माना लगाया गया। सूचना आयुक्त अधिकारी अजय कुमार उप्रेती ने आदेश दिया कि इस भोजन पर होने वाला खर्च किसी भी कीमत पर 25 हजार से अधिक नहीं होना चाहिए।
भूपेंद्र कुमार पांडे के आरटीआई आवेदन पर सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी ने पाया कि वास्तविक देरी तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी गोपाल सिंह के कारण हुई थी जो वर्तमान जन सूचना अधिकारी चंद्रिका प्रसाद के पूर्ववर्ती थे। इसलिए आयोग ने तत्कालीन जन सूचना अधिकारी गोपाल सिंह पर भी धारा के तहत 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। आरटीआई अधिनियम के 20(1) के तहत जन सूचना अधिकारी को आरटीआई आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर सूचना प्रदान करनी होती है।
अगर जन सूचना अधिकारी इस आदेश का पालन नहीं करते हैं तो आयोग उन पर लागू सेवा नियमों के तहत आरटीआई अधिनियम की धारा 20 (2) के तहत पीआईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है।