बलरामपुर। पांच-पाच हजार रुपये की अवैध वसूली करने वाले बेसिक शिक्षा के पांच शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि इन शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर अवैध वसूली की है। बीईओ को मामले की जांच शुरू कर दी है। उधर, यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी नहीं करने वाले शिक्षकों को कड़ी चेतावनी दी गई है। लापरवाही पर इन्हें नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब तलब किया गया है।
बीएसए डॉ. रामचंद्र ने मंगलवार को बताया कि बेसिक शिक्षा प्रयागराज के कर्मचारी ने फोन से सूचित किया है कि बलरामपुर जिले में पांच शिक्षक मोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर 68,500 भर्ती के शिक्षकों को विभागीय लाभ दिलाने के लिए पांच-पांच हजार रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं। बीएसए के व्हाट्सएप ग्रुप पर इसके साक्ष्य भी उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों को गंभीरता से जांच की गई। इसमें पाया गया कि शिक्षा क्षेत्र गैडास बुजुर्ग के कंपोजिट विद्यालय जंगीडीह के शिक्षक आलोक पांडेय, प्राथमिक विद्यालय सहगिया के शिक्षक माधव कृष्ण (माधव कौशिक) प्राथमिक विद्यालय मझारों के शिक्षक दुर्गेश कुमार शुक्ल, प्राथमिक विद्यालय जिगना खास के शिक्षक मनीष दत्त शुक्ल और शिक्षा क्षेत्र उत्तरौला के प्राथमिक विद्यालय बनघुसरा के शिक्षक अंकुर दीक्षित टेलीग्राम एप पर ग्रुप बनाकर अपने बैंक खाते में पैसा जमा करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। विभाग की छवि धूमिल करने और सरकारी पद आदि का दुरुपयोग करने के आरोप में पांचों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। माधव कृष्ण को बीआरसी गैसड़ी, आलोक पांडेय को बीआरसी तुलसीपुर, अंकुर दीक्षित को बीआरसी बलरामपुर सदर, दुर्गेश कुमार शुक्ल को बीआरसी शिवपुरा और मनीष दत्त शुक्ल को बीआरसी पचपेड़वा से संबद्ध किया गया है।
बीईओ पचपेड़वा रामकुमार को मानव कृष्ण, बोईओ उतरीला सतीश कुमार को आलोक पांडेय, बीईओ सदर घनश्याम वर्मा को अंकुर दीक्षित, बीईओ शिवपुरा राजेश कुमार को दुर्गेश कुमार शुक्ल और बीईओ तुलसीपुर अरुण कुमार वर्मा को मनीष दत्त शुक्ल के खिलाफ जांच के लिए नामित कर दिया गया है। सभी बीईओ को 15 दिन में तथ्यात्मक जांच आख्या प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया गया है। बीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उधर, यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी न करने वाले 28 शिक्षकों को नोटिस जारी कर कड़ी चेतावनी दी गई है। ड्यूटी नहीं करने को लेकर इन सभी शिक्षकों से दो दिन में जवाब तलब किया गया है।