यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिया कि शासकीय कार्यालयों में अनुशासन बनाए रखें और कर्मचारी समय से कार्यालय आएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भोजनावकाश आधा घंटे से अधिक न हो। भोजनावकाश पूरा होने के बाद सभी कार्मिक पुनः अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहें। वह मंगलवार को टीम-9 के साथ बैठक कर रहे थे। जिसमें उन्होंने कई निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। 30 करोड़ 51 लाख से अधिक कोविड टीके की डोज लगाने और 10 करोड़ 93 लाख से अधिक सैम्पल की जांच करने वाला एकमात्र राज्य उत्तर प्रदेश है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 289 कोविड मरीज उपचाराधीन हैं। अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की स्थिति बहुत संतोषप्रद है।
प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर नागरिक को टीका लग चुका है। 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रदेश में लगभग 700 निजी टीकाकरण केंद्रों पर बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं। सभी पात्र जन बूस्टर डोज अवश्य लगवाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी नियत शुल्क से अधिक की वसूली न हो।
उन्होंने कहा कि 85 प्रतिशत से अधिक पात्र वयस्क टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 15-17 आयु वर्ग के लगभग 93 प्रतिशत किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में से 25 लाख बच्चों को टीकाकवर मिल चुका है। इसे सतत जारी रखा जाए। 12-14 आयु वर्ग का टीकाकरण तेज किया जाए।
बीते 4 घंटों में 90 हजार 250 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें मात्र 37 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए। इसी अवधि में 36 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। नोएडा-गाजियाबाद में 25 नए केस मिले हैं, ऐसे में दिल्ली के।आसपास के क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए। प्रदेश में नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की शाखा खोली जानी चाहिए। इस संबंध में राज्य सरकार निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी। भारत सरकार के सहयोग से आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाएं।
प्रदेश में संचारी रोग अभियान प्रभावी रूप से संचालित हो रहा है। शीघ्र ही दस्तक अभियान भी प्रारंभ होगा। 10 अप्रैल से साप्ताहिक मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों की शुरुआत भी हो चुकी है। संचारी रोग व दस्तक अभियान को जन आरोग्य मेलों से जोड़ा जाए, ताकि अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो सकें। नर्सिंग सेवा स्वास्थ्य सुविधाओं की रीढ़ है। इस क्रम में प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षण-प्रशिक्षण का सुव्यवस्थित होना आवश्यक है। कतिपय क्षेत्रों से बगैर मान्यता के नर्सिंग कॉलेजों के संचालन की सूचना प्राप्त हुई है। इनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के क्रम में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं। विगत दिनों संभल और महराजगंज जनपद में पीपीपी मॉडल के संबंध में एमओयू भी हो चुका है। शेष जनपदों में कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ाई जाए। प्राचार्यो की नियुक्ति में कार्यकुशलता, कर्मठता, विजन और योग्यता पर विशेष ध्यान दिया जाए।