वाराणसी : स्कूल चलो अभियान के तहत सूबे के परिषदीय विद्यालयों में इस वर्ष दो करोड़ बच्चों का नामांकन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें वाराणसी जनपद सूबे में अव्वल रहा। शासन की ओर से दाे से 30 अप्रैल तक वाराणसी को 43087 बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य दिया गया था। वहीं जनपद के 1143 विद्यालयों में 30 अप्रैल तक 76129 नए बच्चों का नामांकन कराया गया। इस प्रकार 176.69 फीसद यानी लक्ष्य का डेढ़ गुना से अधिक बच्चों का नामांकन करा कर वाराणसी ने सूबे में टाप पर रहा।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से 30 अप्रैल तक नवीन बच्चों के नामांकन की सूची में जौनपुर को दूसरे व भदोही को तीसरे स्थान पर है। जौनपुर को 98613 बच्चों, भदोही को 35990 बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य था। जबकि जौनपुर ने 30 अप्रैल तक 104781 व भदोही में 38944 नए बच्चों का नामांकन हुआ है। इस प्रकार जौनपुर ने लक्ष्य का 113.77 व भदोही ने 108.21 फीसद बच्चाें का नामांकन कराया है। वहीं, गाजीपुर जनपद 42671 बच्चों का नामांकन करा कर सूबे में छठे स्थान पर है।
गाजीपुर 100.45 फीसद लक्ष्य हासिल किया है। सूबे के 75 जिलाें में महज छह जिलों ने ही नामांकन का लक्ष्य पूरा किया है। इसमें क्रम से वाराणसी, जौनपुर, भदोही, झांसी, हमीरपुर, गाजीपुर हैं। शेष 69 जिले शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर सके हैं। हालांकि देवरिया में लक्ष्य के सापेक्ष 99.77 फीसद नामांकन हुआ है। सबसे खराब स्थिति महोबा की रही है। महोबा जिला महज 32.50 फीसद ही नामांकन करा सका है।
पुनर्विकास का कार्य मंजूरी मिल चुकी है
शासन ने नामांकन के सापेक्ष सभी जिलों का अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किया था। वहीं स्थानीय स्तर पर हम लोग एक माह में सवा लाख नए बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य रखा था। स्थानीय स्तर पर लक्ष्य की सीमा बढ़ा देने के कारण ही जनपद सूबे में अव्वल रहा। नामांकन बढ़ाने में जनपद के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, हेडमास्टरों व शिक्षकों का योगदान रहा है।
-राकेश सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी