लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में आकांक्षात्मक जिलों की तर्ज पर विकसित किए जा रहे सौ विकास खंडों की मानीटरिंग और आंकलन के लिए आईआईटी कानपुर और आईआईएम लखनऊ के छात्रों की मदद ली जाए। उन्होंने प्राविधिक व तकनीकी विश्वविद्यालयों, संस्थानों के छात्रों को भी इसमें जोड़ने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री बुधवार को प्रदेश के सौ आकांक्षात्मक विकास खंडों को विकसित किए जाने की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात होने वाले ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) को अन्यत्र किसी और ब्लॉक का अतिरिक्त प्रभार न दिया जाए। इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत युवा, ऊर्जावान और विजनरी अधिकारियों की तैनाती की जानी चाहिए।
सीएम ने कहा कि आकांक्षात्मक जिलों की तर्ज पर ही 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों का चयन कर इनके सामाजिक आर्थिक सुधार के लिए विशिष्ट प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य और पोषण,शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत संरचना के विविध मानकों पर इन आकांक्षात्मक विकासखंडों के समग्र विकास के प्रयास किए जाएं। विकास इंडिकेटर में बीसी सखी, ग्राम सचिवालय, अमृत सरोवर जैसे दूरगामी प्रयासों को भी शामिल किया जाए।
उन्होंने मार्च 2022 को बेसलाइन मानते हुए चयनित इंडिकेटर पर ब्लॉकवार अद्यतन सूचना वर्तमान माह के अंत तक एकत्रित करने के निर्देश दिए। इसके बाद हर माह की 15 तारीख तक संबंधित जिलों द्वारा अद्यतन प्रगति विवरण फीड किया जाए। इसकी पुष्टि संबंधित विभागों द्वारा भी कराई जाए।
प्रदेश के आकांक्षात्मक जिलों में बलरामपुर प्रथम
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच और श्रावस्ती में विकास के सभी मानकों पर सराहनीय कार्य किया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा सतत रियल टाइम मॉनीटरिंग डैशबोर्ड (चैंपियन ऑफ चेंज) के अनुसार जारी रैंकिंग में इन जिलों ने अच्छा स्थान प्राप्त किया है। देश के कुल 112 आकांक्षात्मक जिलों में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने वाले जिलों की ताजा सूची में यूपी के पांच जिले शीर्ष 10 में शामिल हैं। बलरामपुर प्रथम स्थान पर है। यह स्थिति संतोषजनक है।
एसडीएम को बनाएं नोडल अधिकारी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संबंधित एसडीएम को इस विकास खंड का नोडल अधिकारी नामित किया जाए। यह नोडल अधिकारी विकास खंड में होने वाले विकास कार्यों, उपलब्ध कराए जा रहे डाटा की शुचिता और वास्तविकता के प्रति जवाबदेह होगा।
डाटा की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराएं
उन्होंने निर्देश दिए कि आकांक्षात्मक जिलों के तय विकास मानकों के संबंध में अद्यतन स्थिति का सतत आकलन किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि डाटा सटीक हो। डाटा की जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी, संस्थाओं का सहयोग लेने पर भी विचार किया जाए।