गोण्डा : बेसिक शिक्षा के परिषदीय स्कूलों में दूसरे के शैक्षिक अभिलेखों पर नौकरी कर रहे चार शिक्षकों का खुलासा हुआ। एसआईटी ने जांच करके कार्रवाई की संस्तुति भेजी। गुरुवार को बीएसए डॉ. अखिलेश प्रताप सिंह ने चारों शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि संबंधित शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। साथ ही उनसे वेतन की रिकवरी की तैयारी शुरू हो गई है
इसमें तीन शिक्षक 12 साल से अधिक समय से फर्जीवाड़ा करके नौकरी करते रहे, और पदोन्नति पाकर प्रधानाध्यापक बन गए। बाद में इस बाद का खुलासा हुआ कि वह दूसरे के अभिलेख पर नौकरी कर रहे थे। बीएसए ने बताया कि चारों को उनके पते पर रजिस्ट्री डाक से सेवा समाप्ति के कार्रवाई का आदेश भेजा गया है।
बेसिक शिक्षा में दूसरों के शैक्षिक अभिलेख पर नौकरी हथियाने का मामला पहले भी उजागर हो चुका है। 56 शिक्षकों को इससे पहले सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। वेतन की रिकवरी कराने के लिए कार्रवाई की जा रही थी। इसी बीच चार और शिक्षकों की रिपोर्ट सामने आई।
बीएसए ने सेवा समाप्ति की कार्रवाई की। उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को बुलाकर स्कूलों में शिक्षकों के बारे में जानकारी ली। निर्देश दिया कि स्कूलों में शैक्षिक कार्य में किसी तरह की लापरवाही न हो। फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
करीब 2 साल से अनुपस्थित है 3 शिक्षिकाएं
वाराणसी। बेसिक शिक्षा विभाग में चोलापुर ब्लॉक के स्कूलों में कार्यरत तीन शिक्षिकाएं दो साल से भी ज्यादा समय से अनुपस्थित हैं। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय चौबेपुर खुर्द से सहायक अध्यापिका प्रतिमा सिंह 2 नवंबर 2020 से बिना सूचना अनुपस्थित हैं। प्राथमिक विद्यालय चोलापुर प्रथम से विदुषी मुखर्जी 21 सितंबर 2019 से गैरहाजिर हैं और कंपोजिट विद्यालय ढकवां से अनीता गुप्ता 6 मार्च 2020 से अनुपस्थित हैं। तीनों शिक्षिकाओं को सेवा समाप्ति की नोटिस भेजकर दो सप्ताह में जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।