उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर (Mirzapur) में बच्चों से अपना काम कराना कम्पोजिट विद्यालय मुंहकुचवा में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रविंद्र को महंगा पड़ गया. गैस सिलेंडर लाने के लिए उन्होंने बच्चों को जिम्मेदारी सौंप दी जिसके बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (viral video) हो गया. इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उन्हें निलंबित कर दिया. इस दौरान उन्हें आधा वेतन मिलेगा. निलंबन की अवधि में उन्हें महंगाई भत्ता भी नहीं दिया जाएगा.
क्या था मामला
कम्पोजिट विद्यालय मुंहकुचवा में गैस सिलेंडर लाने के लिए प्रधानाध्यापक ने विद्यालय के चपरासी को भेजा था. वह अपने साथ विद्यालय के 4 बच्चों को दो साईकिल के साथ ले गया. उसने बच्चों को गैस सिलेंडर विद्यालय तक पहुंचाने के लिए कहा. बच्चे किसी तरह से साइकिल पर सिलेंडर लादकर विद्यालय पहुंचे. इस दौरान किसी ने रास्ते में बच्चों द्वारा सिलेंडर ढोने का वीडियो बनकर वायरल कर दिया गया. वायरल वीडियो संज्ञान में आने के साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी पहाड़ी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी.
अधिकारी ने क्या कहा
जांच में मामला सही पाए जाने पर विद्यालय के आरोपी चपरासी को निलंबित कर दिया गया. इस दौरान उसे लालगंज कार्यालय से अटैच किया गया है. इस अवधि के दौरान आरोपी को आधा वेतन मिलेगा और महंगाई भत्ता भी नहीं दिया जाएगा. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद ने कहा कि बच्चे विद्यालय में पढ़ने आते हैं, काम करने नहीं. उनके पढ़ाई पर ध्यान दिया जाए. बच्चों से काम कराने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.