नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव किया है। नई शिक्षा नीति के तहत किए गए ये बदलाव मौजूदा सत्र से ही लागू होंगे। इसके तहत एक प्रश्नपत्र तीन घंटे का होगा। सीबीएसई पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि इसी सत्र (2022-23) से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कोरोना पूर्व के वर्षो की भांति एक ही टर्म में सत्र के अंत में वार्षिक परीक्षा के रूप में आयोजित की जाएंगी।
सीबीएसई के निदेशक (अकादमिक) द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, इस वर्ष से 10वीं की सालाना बोर्ड परीक्षा में लगभग 40 प्रतिशत प्रश्न समझ आधारित होंगे। ये बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, जिनमें केस स्टडी आधारित व पैराग्राफ पर आधारित प्रश्न प्रश्न होंगे। 20 प्रतिशत प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे और बाकी के 40 प्रतिशत प्रश्न लघु उत्तरीय व दीर्घ उत्तरीय होंगे। 12वीं की परीक्षा में 30 प्रतिशत प्रश्न समझ आधारित बहुविकल्पीय होंगे, जिनमें केस स्टडी व पैराग्राफ आधारित प्रश्न होंगे। 20 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे, जबकि शेष 50 प्रतिशत प्रश्न लघु और दीर्घ उत्तरीय पूछे जाएंगे। सीबीएसई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोर्ड ने पहले की तरह वार्षिक परीक्षाओं का निर्णय सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया लेने के बाद लिया है। ये परीक्षाएं तीन घंटे की होंगी।
’>>अब शैक्षणिक सत्र के अंत में एक बार वार्षिक परीक्षा लेगा बोर्ड
’>>नौवीं और 11वीं में भी इसी बदले हुए पैटर्न पर ली जाएगी परीक्षा
सीबीएसई ने कोरोना महामारी के कारण सत्र 2021-22 में 10वीं और 12वीं की परीक्षा दो टर्म में लेने का निर्णय किया था, लेकिन मौजूदा स्थितियों को देखते हुए बोर्ड ने पहले की तरह शैक्षणिक सत्र से अंत में एक वार्षिक परीक्षा लेने का निर्णय किया है।
संयम भारद्वाज, परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई