प्रदेश में खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के पांच सौ से अधिक पद खाली हैं, जबकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को पीसीएस-2022 के तहत केवल 36 पदों पर भर्ती का अधियाचन मिला है। इस बार पीसीएस में कुल पदों की संख्या तकरीबन ढाई सौ है। ऐसे में स्पर्धा बढ़ गई है। प्रतियोगी छात्र चाहते हैं कि बीडीओ के सभी रिक्त पदों पर पीसीएस के तहत भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने वर्ष 2018 में सूचना के अधिकार के तहत शासन से बीडीओ के रिक्त पदों का ब्योरा मांगा था। उस वक्त जानकारी दी गई थी कि बीडीओ के 860 पद रिक्त हैं।
अवनीश का दावा है कि वर्ष 2018 से अब तक बीडीओ के 200 से कम पदों पर भर्ती हुई है। अगर कुछ पद प्रमोशन के भी रहे होंगे तो भी वर्तमान में बीडीओ के पांच सौ से अधिक पद खाली हैं, क्योंकि इस दौरान कई बीडीओ रिटायर भी हुए हैं। इसके बावजूद रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आयोग को अधियाचन नहीं भेजा जा रहा है।
बेरोजगार भटक रहे और पद खाली पड़े हैं
पूर्व में मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी किया गया था कि रिटायरमेंट से दो साल पहले रिक्त होने जा रहे पदों का विवरण तैयार कर लिया जाए, ताकि भर्ती के लिए आयोग को सही समय पर अधियाचन भेजा जा सके। समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि पद रिक्त होने के बावजूद बेरोजगार नौकरी के लिए भटक रहे हैं और अन्य अफसरों से बीडीओ काम लिया जा रहा है। कई जगह एडीओ कोऑपरेटिव को बीडीओ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
प्रशांत का आरोप है कि इससे सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा है और विकास कार्य भी बाधित हो रहे हैं। प्रतियोगी छात्रों की ओर से समिति ने कई बार शासन को पत्र भेजकर बीडीओ के सभी रिक्त पदों को भरने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बार पीसीएस के 250 पदों पर भर्ती के लिए 605023 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। यानी एक पद 2420 दावेदार हैं। ऐसे में स्पर्धा बढ़ गई है। समिति ने फिर मांग की है कि बीडीओ के सभी रिक्त पदों पर पीसीएस-2022 के तहत भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।