अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य भर्ती में बदलाव के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड नियमावली में संशोधन होगा। चयन बोर्ड का प्रस्ताव है कि संस्था प्रधान (प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक) की भर्ती प्रक्रिया में ज्येष्ठतम अध्यापकों को बिना आवेदन के अतिरिक्त रूप से बुलाने की व्यवस्था खत्म किए जाने की जरूरत है। पारदर्शी, निष्पक्ष, विवाद रहित भर्ती के लिए साक्षात्कार से पहले लिखित परीक्षा होनी चाहिए।
इन बदलावों के लिए भेजे गए चयन बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन विचार कर रहा है। योगी सरकार में जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिलते ही नियमावली 1998 में प्रधानाचार्य भर्ती के नियम संशोधित हो जाएंगे और इसे नई भर्ती से लागू कर दिया जाएगा। वर्तमान में भर्ती विज्ञापन में बिना आवेदन किए विज्ञापित संस्थाओं के दो ज्येष्ठतम अध्यापकों को अतिरिक्त रूप से बुलाए जाने की व्यवस्था है। चयन बोर्ड के संशोधन प्रस्ताव में है कि इस नियम की आवश्यकता नहीं है, इसे समाप्त किया जाए। इसके अलावा यह भी तर्क दिया गया है कि वरिष्ठता विवाद के कारण प्रधानाचार्य चयन में भी विवाद उत्पन्न होता है। ज्येष्ठतम अध्यापक कार्यवाहक प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक बनने के पश्चात येन-केन-प्रकारेण अपने पद पर बने रहना चाहते हैं और नियमित प्रधानाचार्य के चयन में बाधा उत्पन्न करते हैं। वैसे भी प्रधानाचार्य का पद सीधी भर्ती का है, पदोन्नति का नहीं। शासन के सूत्रों के मुताबिक, चयन बोर्ड के प्रस्ताव में यह भी तर्क दिया गया है कि प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) व प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) भर्ती में लिखित परीक्षा है। इसी तरह प्रधानाचार्य चयन लिखित परीक्षा व साक्षात्कार से कराकर विवाद रहित किए जाने की आवश्यकता है।
चयन बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन कर रहा विचार, मंजूरी की उम्मीद
प्रधानाचार्य भर्ती लिखित परीक्षा व साक्षात्कार से कराने का प्रस्ताव
450 अंकों की होगी लिखित परीक्षा, खत्म होगा वेटेज संशोधन प्रस्ताव पर शासन की मंजूरी मिलने पर अगली भर्ती नई व्यवस्था में होगी। इसमें 450 अंकों को लिखित परीक्षा दो घंटे की होगी और 50 अंक साक्षात्कार के होंगे। लिखित परीक्षा में 125 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। अभी तक चयन में विभिन्न प्रकार के विशेष योग्यता के आधार पर दिए जा रहे वेटेज अंक की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। माना जा रहा है कि योगी सरकार जिस तरह भर्तियों को तेजी से पारदर्शी ढंग से करने पर जोर दे रही है, उससे जल्द ही चयन बोर्ड के संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।