अनुदेशकों के 17 हजार मानदेय को लेकर 16 मई को होगी अगली सुनवाई, जाने- परसों की सुनवाई का सार
प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालय दिया तो राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत अनुदेशकों को 17 क्यों नहीं गई। कोर्ट ने लगभग एक हजार मानदेय दिए जाने को घंटे तक दोनों पक्षों की बहस सुनने लेकर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के के बाद 16 मई को दोबारा मामले फैसले को राज्य सरकार ने विशेष की सुनवाई का आदेश दिया है।
अपील में चुनौती दी है। सरकार गौरतलब है कि प्रदेश के लगभग की विशेष अपील पर गुरुवार को 27 हजार अनुदेशकों का मानदेय चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर जस्टिस जेजे मुनीर की डिवीजन 17000 रुपये कर दिया था। बेंच में सुनवाई हुई।
जिसको यूपी सरकार ने लागू नहीं याचियों की ओर से अधिवक्ता दुर्गा किया है। मानदेय बढ़ाने की मांग तिवारी और सुप्रीम कोर्ट Court से आये को लेकर अनुदेशकों ने हाई कोर्ट अधिवक्ता एपी सिंह ने अनुदेशकों में रिट दाखिल की थी। जिस पर का पक्ष रखा।
अधिवक्ताओं ने सुनवाई करते हुए 3 जुलाई 2019 कोर्ट में दलील पेश कि अनुदेशकों को जस्टिस राजेश चौहान की को 17 हजार मानदेय दिया जाना सिंगल बेंच ने अनुदेशकों को 2017 चाहिए। केंद्र सरकार ने भी 2017 से 17000 मानदेय 9% ब्याज के में 17000 मानदेय देने का आदेश साथ देने का आदेश दिया था। इस दिया था। यूपी सरकार ने इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार आदेश का भी पालन नहीं किया। ने विशेष अपील दाखिल की है। वहीं राज्य सरकार की ओर से विवेक सिंह और आशुतोष शुक्ला अधिवक्ता एलपी मिश्रा पक्ष ने की ओर से याचिका दाखिल की रखा। उन्होंने कहा कि भारत थी। जिस पर सिंगल बेंच के सरकार की ओर से पूरा फंड नहीं फैसले के खिलाफ राज्य सरकार दिया गया है। इस पर हाई कोर्ट ने ने विशेष अपील दायर की है।