मिर्जापुर, अपने पति के साथ लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति के दस्तावेजों का फर्जी तरीके से उपयोग कर शिक्षक बनकर लगभग छह साल तक तनख्वाह उठाने वाली कन्नौज की प्रियंका यादव को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वास्तव में प्रियंका यादव, दस्तावेजों म्में उलटफेर करके प्रिंयका चक्रवर्ती के रूप में, प्रियंका प्रजापति के स्थान पर काम कर रही थी। सेवा समाप्ति का आदेश नियुक्ति प्राधिकारी अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) प्रयागराज ने त्रिस्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की है। प्रियंका यादव पर केस दर्ज रकम वसूली के भी आदेश दिए हैं।
कन्नौज के तालग्राम थानाक्षेत्र के अदमापुर (रोहिली) निवासी प्रियंका यादव पहाड़ी ब्लाक के राजकीय बालिका हाईस्कूल भरपुरा में उर्दू विषय के सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत थी। अगस्त 2015 में यहां उसकी नियुक्ति दर्ज है। नवम्बर 2021 में विंध्याचल मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक कामताराम पाल को एक गुमनाम शिकायती पत्र प्राप्त हुआ। जांच में प्रियंका यादव के बजाय वह प्रियंका प्रजापति तक पहुंचे। इसके बाद तो जांच की दिशा ही बदल गई। जांच में प्रियंका प्रजापति पुत्री मनोज कुमार प्रजापति रामकृष्णा नगर, गुरु सहायगंज, कन्नौज के दस्तावेज सामने आए। प्रियंका प्रजापति के पिता ने कन्नौज के एसपी को 24 फरवरी-2022 को पत्र सौंपते हुए आरोप लगाया कि लंदन में पति के साथ रह रही पुत्री प्रियंका प्रजापति के फर्जी दस्तावेज प्रियंका यादव ने लगाए हैं।
फर्जी दस्तावेज पर नौकरी कर रही शिक्षिका बर्खास्त
त्रिस्तरीय समिति ने जांच में रखे कई तथ्य
मिर्जापुर। विंध्याचल मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक कामता राम पाल की अध्यक्षता में उप शिक्षा निदेशक चंद्रजीत यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक सत्येंद्र कुमार सिंह जांच समिति के सदस्य रहे। समिति ने प्रियंका प्रजापति के पति, पिता के परिवार को फोटो, निवास,जाति प्रमाण पत्रों के साथ शैक्षणिक अभिलेखों का प्रियंका यादव के पेश किए दस्तावेजों का मिलान से खुलासा किया।
पड़री थाने में दर्ज है एफआईआर
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक की नौकरी करने वाली प्रियंका यादव पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हथियाने पर जनपद के पड़री थाने में शिक्षा विभाग की ओर से अभियोग पंजीकृत कराया गया है।