लखनऊ, बीटेक के बाद किसी वजह से आगे की पढ़ाई न करके नौकरी करने वाले इंजीनियरों एवं प्रोफेशनल के लिए अच्छी खबर है। अब वह लखनऊ विश्वविद्यालय से पार्ट टाइम मास्टर आफ टेक्नोलाजी (एमटेक) की पढ़ाई कर सकेंगे। छह सेमेस्टर का यह कोर्स उन्हें पांच साल में पूरा करना होगा। खास बात यह है कि इसकी कक्षाएं शाम को छह से रात नौ बजे तक चलेंगी। विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय की फैकल्टी बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से इसे पास कराकर जल्द ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
वर्ष 2017 में लवि के नवीन परिसर में बीटेक पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई थी। अब पार्ट टाइम एमटेक पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी है। इसमें नौकरी करने वाले ऐसे इंजीनियर व प्रोफेशनल अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे जिनके पास बीटेक या बैचलर आफ इंजीनियरिंग (बीई) की डिग्री होगी। इस कोर्स की शुरुआत इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पावर सिस्टम और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग से होगी। प्रत्येक ब्रांच में 20-20 सीटें निर्धारित की गई हैं।
प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार से प्रवेश : शैक्षिक सत्र 2022-23 से पार्ट टाइम एमटेक में प्रवेश के लिए आवेदन के साथ अभ्यर्थी को नौकरी करने वाले संस्थान से अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करना होगा। दाखिले प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से होंगे। प्रति सेमेस्टर फीस 40 हजार रुपए होगी। फीस का पांच फीसद पैसा वीसी केयर फंड में भी जमा होगा। इस कोर्स में इंजीनियरिंग संकाय में पहले से पढ़ा रहे शिक्षक ही कक्षाएं लेंगे। इसके बदले में कोर्स की फीस का 50 फीसद पैसे से उन्हें भुगतान किया जाएगा।
इंजीनियरिंग संकाय से भी दिए जाएंगे 21 पदक : नवंबर में होने वाले विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में पहली बार इंजीनियरिंग संकाय से भी 21 मेधावियों को पदक दिए जाएंगे। इनमें प्रत्येक ब्रांच सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग से तीन-तीन पदक (स्वर्ण, रजत, कांस्य) शामिल होंगे। ओवलआल इंजीनियरिंग फैकल्टी से भी तीन टापर्स को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिया जाएगा। इसके अलावा बीसीए पाठ्यक्रम में तीन पदक भी दिए जाएंगे। प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. आरएस गुप्ता की अध्यक्षता में हुई फैकल्टी बोर्ड की बैठक में आइईटी के निदेशक प्रो. विनीत कंसल, इंजीनियर प्रियरंजन सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।