दरोगा भर्ती परीक्षा में 12 और जालसाज परीक्षार्थी दबोचे गए। पकड़े गए सभी परीक्षार्थी पुलिस लाइन में दस्तावेज सत्यापन कराने आए थे। आरोपियों को महानगर पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अब तक इस परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले 18 जालसाज पकड़े जा चुके हैं।
प्रभारी निरीक्षक महानगर दिनेश चंद्र मिश्र के मुताबिक, उप निरीक्षक उत्तर प्रदेश नागरिक पुलिस के पद पर भर्ती परीक्षा में अनुचित साधन इस्तेमाल करने व पास होने के लिए रुपये देने वाले 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा उपनिरीक्षक पद पर सीधी भर्ती के लिए 12 नवंबर से 2 दिसंबर 2021 तक ऑनलाइन परीक्षा प्रदेश के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसमें आरोपियों द्वारा जालसाजी करने के प्रमाण मिले थे। इसके आधार पर महानगर थाने में पुलिस भर्ती बोर्ड के अधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया।
भर्ती बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, इसमें हरियाणा के पंचकुला का हेम गुप्ता, जींद के पौली जुलाना का राहुल, मैनपुरी भोगांव का यादवेंद्र, शामली कैराना गोठावाड़ का अंकित सिंह, हरियाणा जींद के गोगड़िया का राहुल, हाथरस के चंद्रगढ़ी का देवेंद्र कुमार, सहारनपुर के रामपुर मनिहारन स्थित बग्घाखेड़ी निवासी सत्येंद्र कुमार, शिकोहाबाद हरमनपुर का हरिमोहन, फिरोजाबाद के जोशियाना का जितेश कुमार, सहारनपुर के जनधेड़ा समसपुर रामपुर का देव चौधरी, प्रोफेसर कॉलोनी का सचिन कुमार और सहारनपुर के बुढेरा निवासी अंकुर कुमार शामिल हैं। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, मुकदमा दर्ज कर सभी 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके पास से आठ मोबाइल बरामद हुए।
तीन दिन में दर्ज हुए दो मुकदमे
महानगर थानाक्षेत्र स्थित रिजर्व पुलिस लाइन में कुछ दिनों से दरोगा भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र सत्यापित किए जा रहे हैं। इसमें उप्र. पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अधिकारी शामिल हैं। तीन दिनों के अंदर दरोगा भर्ती में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आए। अपर पुलिस अधीक्षक रश्मि रानी ने महानगर थाने दो मुकदमे दर्ज कराए। वहीं, भर्ती बोर्ड की टीम ने 18 जालसाज युवकों को पुलिस लाइन में दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान पकड़ा।