प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि समता, गुणवत्ता, वहनीयता (sustainability) और जवाबदेही के उद्देश्यों को हासिल करने की दिशा में पिछले दो सालों में कई कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से मुख्य धारा में शामिल करने से लेकर उच्च शिक्षा में ‘मल्टीपल एंट्री एंड एक्जिट’ की व्यवस्था शुरू करने तक कई सुधारों की पहल की गई है जो देश की प्रगति में कारगर साबित होंगे।
बैठक में मौजूद रहे मंत्री और अधिकारी
इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार, अन्नपूर्णा देवी और राजकुमार रंजन सिंह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक सहित शिक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय संचालन समिति के अधीन तैयार किए जा रहे राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा की प्रगति से अवगत कराया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा इस प्रकार विकसित की जानी चाहिए कि स्कूल जाने वाले छात्रों को कम से कम जोखिम का सामना करना पड़े।