लखनऊ। प्रदेश में कार्यरत खंड शिक्षा अधिकारियों, उप निरीक्षक उर्दू व उप निरीक्षक संस्कृत अधिकारियों की एसीपी (एस्योर्ड कॅरियर प्रोग्रेसन स्कीम) स्वीकृत करने के संबंध में सभी की बीते दस वर्षों की गोपनीय आख्या व सेवा पंजिका की प्रमाणित प्रति शिक्षा विभाग ने तलब की है। इस संबंध में सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) व मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को पत्र भेजा गया है। पूछा गया है कि किसी पर कोई कार्रवाई तो नहीं हुई या फिर चल रही हो?
अपर शिक्षा निदेशक बेसिक ललिता प्रदीप ने इस बाबत जारी पत्र में कहा है कि संबंधित अधिकारियों की गोपनीय आख्या व सेवा पंजिका की ही की प्रमाणित प्रति के साथ ही कार्यालय अभिलेखों के अनुसार दस वर्ष की संतोषजनक सेवाओं व सत्यनिष्ठा को प्रमाणित करें। साथ ही उसमें यह उल्लेखनीय हो कि संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ किसी प्रकार की अनुशासनिक, आपराधिक, वित्तीय मामला प्रचलित तो नहीं है। किसी प्रकरण में न तो उसे दंडित किया गया है और न ही प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की गई है। न ही कोई अवैतनिक अवकाश स्वीकृत किया गया है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से टिप्पणी के साथ ब्योरा मांगा गया है। पिछली एसीपी में जिन प्रकरणों पर आपत्तियां थीं, उन्हें भी मांगा गया है। एसीपी के संबंध में अगले महीने बैठक प्रस्तावित है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से भी मंडल स्तर पर ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा गया है.