सेवानिवृत हो चुके कर्मचारियों की उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी बढ़ने लगती हैं। सुनने और दिखने के साथ याददाश्त कम होने की समस्या के चलते खाता नंबर, पैन नंबर, आधार नंबर आदि के अलावा विभाग से दिया गया पीपीओ (पेंशन पेमेंट आर्डर) नंबर याद रख पाना मुश्किल होता है। बुजुर्ग पेंशनर की इस समस्या को समझते हुए उनका एक फोटो व क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोडयुक्त स्मार्ट पहचान पत्र (आइडी कार्ड) बनाया जाएगा, जिसमें उनकी सभी अहम जानकारियां होंगी। शासन के इस अहम कदम से अकेले उन्नाव जिले के 14 हजार पेंशनरों समेत इस साल सेवानिवृत्त होने वाले करीब डेढ़ सौ पेंशनरों को लाभ मिलेगा।
कोषागारों से पेंशन और पारिवारिक पेंशन पाने वालों को स्मार्ट फोटो आइडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कार्ड में पेंशनर की नवीनतम फोटो के साथ उनकी सूचनाओं का सत्यापन उनके पैन कार्ड संख्या, पता, मोबाइल नबंर, पेंशनर्स डाटाबेस पेंशन की पत्रवली से सहेजने के साथ सभी फार्म निदेशालय कोषागार को भेजे जाएंगे। डाटा को निदेशालय स्तर पर फीड करने के लिए कार्यदायी संस्था तय की गई है। डाटाबेस का सत्यापन सीटीएस पैकेज में पहले से फीड पेंशनर्स डाटाबेस से कराया जाएगा। आनलाइन व्यवस्था में सूचनाएं लेने व उनके सत्यापन में आने वाली समस्याओं के चलते पेंशनर्स से सभी सूचनाएं केवल हार्ड कापी में आफलाइन ली जाएंगी। हर एक कार्ड का क्यूआर कोड जेनरेट किया जाएगा। जो कार्ड पर छपा होगा। प्रत्येक कार्ड पर संख्या भी होगी।
वरिष्ठ कोषाधिकारी अखिलेश सोनकर ने बताया कि सहायक कोषाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाकर आइडी कार्ड से जुडी प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
स्मार्ट पहचान पत्र में दर्ज होगा बैंक खाता संख्या, पैन और आधार नंबर, पेंशनर को पीपीओ नंबर याद रखना नहीं होगा
क्यूआर कोड से मिलेंगी महत्वपूर्ण जानकारियां
स्मार्ट कार्ड पर फोटो जहां पेंशनर की सीधे पहचान बताएगी। क्यूआर कोड के जरिये पेंशनर का नाम, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, कोषागार का नाम, कोषागार इंडेक्स संख्या, जिस पद से सेवानिवृत्त हुए थे, कार्यालय व विभाग का नाम, पेंशनधारक का पता, पैन कार्ड संख्या, पारिवारिक पेंशनर का नाम व पेंशनधारक से सबंध आदि विवरण सुरक्षित रहेगा।
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