अंबेडकरनगर। स्कूल चलो अभियान के दौरान नामांकन में रुचि न लेने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई बुधवार को की है। बीएसए ने अकबरपुर शिक्षाक्षेत्र के 89 परिषदीय स्कूलों से जुड़े लगभग 400 प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, शिक्षामत्रों एवं अनुदेशकों का वेतन एवं मानदेय रोक दिया है। इसमें इनके स्कूलों में 50 प्रतिशत से कम नामांकन हुआ था। कई विद्यालयों में तो एक भी नामांकन नहीं हुआ या फिर इक्का-दुक्का ही नामांकन हो सके। बीएसए बीपी सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए इन सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। कहा है कि अन्य ब्लॉकों में भी जिन स्कूलों की खराब प्रगति होगी, वहां भी वेतन जल्द ही अवरुद्ध करते हुए नोटिस जारी होगी। इस कार्रवाई से बुधवार को शिक्षकों के बीच हड़कंप का माहौल रहा।
शासन के निर्देश पर जिले में भी अप्रैल माह में स्कूल चलो अभियान के तहत विशेष मुहिम चलाई गई। इसमें तमाम ब्लॉकों में लक्ष्य की तुलना में संतोषजनक नामांकन हुए, जबकि अकबरपुर ब्लाक में स्थिति अत्यंत खराब रही। बीएसए ने अभियान की ब्लाकवार समीक्षा किया, तो इसमें पाया कि अकबरपुर के तमाम प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कम्पोजिट विद्यालयों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों व अन्य स्टॉफ ने नए बच्चों का नामांकन कराने में रुचि नहीं ली। नतीजा यह हुआ कि एक तरफ जहां पूरे जिले में लक्ष्य की तुलना में लगभग 100 प्रतिशत नामांकन पूरा कर लिया गया, वहीं अकबरपुर ब्लाक के 89 विद्यालय ऐसे थे, जहां नामांकन 50 प्रतिशत से भी कम रहा। बीएसए बीपी सिंह ने इसे बड़ी लापरवाही व शिथिलता मानते हुए इन सभी विद्यालयों में तैनात प्रधानाध्यापक, इंचार्ज प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक का वेतन तथा शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों का मानदेय अग्रिम आदेश तक रोक दिया।
ऐसे सभी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा गया कि तमाम विद्यालयों ने 100 प्रतिशत से भी अधिक नामांकन करने का शानदार काम किया है, जबकि लापरवाही के चलते 89 विद्यालयों में बेहद कम नामांकन हुए। यह कृत्य पद एवं दायित्वों के प्रति बरती जा रही घोर लापरवाही, उदासीनता एवं विभागीय निर्देशों की अवहेलना की श्रेणी में आता है। सभी को एक सप्ताह के भीतर अपने जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। बीएसए ने इसके साथ ही अन्य ब्लॉक के शिक्षकों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि जहां भी नामांकन कम है, वहां उसे जल्द पूरा कर लिया जाए। यदि लक्ष्य की तुलना में पूरे नामांकन नहीं हुए, तो दंडात्मक कार्रवाई तय होगी। स्कूल चलो अभियान व नामांकन शासन की प्राथमिकता में है। ऐसे में इस अभियान के साथ किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
इन स्कूलों में नहीं हुआ एक भी नामांकन
यूपीएस हीतेपुर, यूपीएस लोहरा अमरतल, यूपीएस सिकंदरपुर, यूपीएस अशरपुाबाद, पीएस बरौरा, यूपीएस जगदीशपुर नोखा, यूपीएस पंजूपुर, यूपीएस तुलसीपुर दौना, पीएस मझियारा अठभ्चारा, पीएस मुहिउद्दीनपुर, पीएस पहाड़पुर टड़वा, पीएस सतरही, पीएस तुलसीपुर दौना में शिक्षक व प्रधानाध्यापक मिलकर एक भी नए बच्चे का नामांकन नहीं करा सके। यूपीएस बेवाना में 56 में से 2, यूपीएस छितौनी में 16 में 2, यूपीएस अटंगी में 16 में 2, यूपीएस मखदूपुर में 66 में 13, यूपीएस ताराकला में 36 में से 9, यूपीएस भड़सार में 123 में से 35 नामांकन कराए जा सके। ऐसे कई और विद्यालय हैं, जिन्होंने नामांकन की तुलना में 50 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा नहीं किया। ज्यादातर विद्यालय तो 25 प्रतिशत लक्ष्य के आसपास ही रह गए।
कोई भी लापरवाही क्षम्य नहीं
स्कूलों में नामांकन से लेकर विधिवत शिक्षा देने के कार्य तथा एमडीएम समेत अन्य प्रकार के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। विद्यालय का माहौल और बेहतर करना है। शासन की यह मंशा है कि सभी परिषदीय विद्यालय पूरी तरह साफ सुथरे एवं व्यवस्थित हों, तथा उनमें बेहतर ढंग से पढ़ाई सुनिश्चित हो। इसमें कोई भी शिक्षक या प्रधानाध्यापक लापरवाही करते पाया गया, तो उस पर कार्रवाई होगी। -बीपी सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी