लड़कियों को बचाने की कोशिश ज्यादा
सर्वे में पाया गया कि आधे से ज्यादा यानी 59 फीसदी बच्चों ने अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को छिपाया। बताया गया कि ब्राउजर हिस्ट्री को हटाने के साथ-साथ वे ऑनलाइन जो कुछ भी करते हैं, सबको मिटा देते हैं। वहीं, जब बच्चों को ऑनलाइन जोखिमों से सुरक्षित रखने की बात आई तो माता-पिता ने लैंगिक भेदभाव किया। ऑनलाइन जोखिमों में लड़कियों को ज्यादा बचाने की कोशिश की गई।
वाशिंगटन,। कोरोना के दौरान दुनियाभर में ऑनलाइन गतिविधियों में इजाफा देखा गया। इसी बीच ऑनलाइन से जुड़े जोखिमों को लेकर हुए एक बड़े सर्वे में भारत की तस्वीर सबसे खतरनाक बताई गई है। दस देशों में हुए सर्वे में पाया गया कि भारतीय बच्चे ऑनलाइन गतिविधियां छिपाने में माहिर हैं।
यहां के बच्चों को दुनिया में सबसे ज्यादा ऑनलाइन से जुड़े जोखिमों का खतरा है। यह सर्वे अमेरिकी सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी कंपनी मैकाफे की ओर से किया गया। इसमें अमेरिका, भारत, ब्रिटेन समेत 10 देशों के 12 हजार बच्चे शामिल हुए। सर्वे में इन बच्चों के 15500 माता-पिता भी शामिल थे। इसमें पाया गया कि किस तरह बच्चे अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को छिपाने में माहिर हो गए हैं और कैसे उनके माता-पिता भी उनपर नजर रखने के लिए तरह-तरह के तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। सर्वे में लैंगिक भेदभाव का भी पता चला है।