हरदोई। स्कूल चलो अभियान की विफलता से झल्लाए बीएसए ने दोषी और निर्दोषों को एक ही कटघरे में खड़ा कर सजा सुना दी। इससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। शिक्षक संगठनों ने बीएसए के निर्णय पर सवाल उठाने शुरू कर दिए संगठन के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप और काम ठप करने की चेतावनी के बाद बीएसए ने अपनी गलती में सुधार कराके मामला शांत किया हालांकि बीएसए ने संगठन के दबाव की बात स्वीकार नहीं की है।
शासन की उच्च प्राथमिकता में शामिल स्कूल चलो अभियान के तहत जिले में 1 लाख 6 हजार 683 बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य बेसिक शिक्षा विभाग को पूरा करना था। विभाग की टीमें 60 फीसदी लक्ष्य भी पूरा नहीं कर सकी कुछ ने काफी सराहनीय प्रयास भी किया लेकिन कुछ लोग अपने लक्ष्य के आसपास तक नहीं पहुंच सके।
खराब प्रदर्शन करने वालों ने अभियान को फेल करा दिया मंडल और राज्य स्तर पर अभियान को समीक्षा में जिले को फजीहत झेलनी पड़ी। अभियान को विफलता से नाराज जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का वेतन मांक का लक्ष्य पूरा होने तक रोक दिया इस कार्रवाई की चक्की में ऐसे लोग भी पिस गए जिन्होंने जो जान लगाकर अभियान में अपना योगदान दिया। लिहाजा, सभी में असंतोष मुखर होने लगा। शिक्षक संगठनों ने शिकायत प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार की रणनीति बनानी शुरू कर दी। इसकी हवा लगते ही बीएसए ने अपनी गलती में सुधार कर अपना आदेश खारिज कर दिया।