वाराणसी : सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक अब बंद हॉल में नहीं बल्कि कक्षाओं में पढ़ाने का सलीका सीख रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षक बच्चों की तरह परीक्षा भी देंगे। 27 से 30 मई तक प्रशिक्षण के बाद उन्होंने क्या सीखा उसे परखा जाएगा। प्रशिक्षण का जिम्मा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के पास है। जो उन्हें स्वास्थ्य के साथ सड़क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जरूरी शिक्षण पद्धति से रूबरू करा रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद 150 मास्टर ट्रेनरों के ज्ञान को परखा जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान सिखाए गए विषयों पर आधारित प्रश्नोत्तरी दी जाएगी। जिसे उन्हें हल करना होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग में गुणात्मक सुधार के लिए स्कूलों को कायाकल्प के साथ तकनीक से भी जोड़ा जा रहा है। ऐसे में इन विद्यालयाें में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अब विभाग शिक्षकों की पढ़ाई पर भी जोर दे रहा है। अलग-अलग गतिविधियों के जरिये बच्चों को पढ़ाना सिखाया जा रहा है। शिक्षकों को बच्चों के पोषण, मानसिक तनाव, खानपान से जुड़े विषयों पर जानकारियां दी जा रहीं है। वहीं, आईसीटी प्रशिक्षण के तहत स्मार्ट क्लास, लैपटॉप, कंप्यूटर व प्रोजेक्टर से जुड़ी बातें भी बताई जा रही हैं। यातायात नियमों के प्रति जागरूकता को लेकर कार्यक्रम तो हर बार होते है, लेकिन इस बार बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को इससे जोड़ा है। शिक्षकों को यातायात से जुड़े नियम बताए जा रहे हैं। ताकि वह आसपास और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर सकें।
40 शिक्षक तैयार कर रहे मास्टर ट्रेनर
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रशिक्षण में 40 शिक्षक 150 मास्टर ट्रेनर तैयार कर रहे हैं। ये मास्टर ट्रेनर अलग-अलग ब्लॉकों में तैनात जिले के सात हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। ट्रेनिंग मॉड्यूल तय किए गए हैं। एक विषय में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दूसरे विषय में प्रशिक्षण ले सकेंगे।