प्रदेश में करीब 1000 महाविद्यालय हैं, जहां इस बार बीएड व डीएलएड में दाखिले नहीं होंगे। एनसीटीई ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट जमा न करने वाले महाविद्यालयों पर कार्रवाई की है। यह फैसला दिल्ली में 27 अप्रैल को हुई जनरल बॉडी मीटिंग में लिया गया और इसका आदेश सभी संबंधित महाविद्यालयों को भेज दिया गया है। कानपुर के 100 बीएड व डीएलएड महाविद्यालयों में इस बार एडमिशन नहीं होंगे। एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) ने इन कॉलेजों का सत्र 2022-23 में शून्य कर दिया है।
एनसीटीई ने बीएड व डीएलएड कॉलेजों से परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया था। इस रिपोर्ट में कॉलेजों को छात्र संख्या, कॉलेज की जमीन, क्षेत्रफल, शिक्षक, छात्रों का ब्योरा समेत कई बिंदुओं पर जानकारी देनी थी। अप्रेजल रिपोर्ट भरने की अंतिम तिथि को कई बार बढ़ाया गया। इसके बावजूद कानपुर नहीं बल्कि प्रदेश और देशभर में ऐसे कॉलेजों की संख्या अधिक रही, जिन्होंने रिपोर्ट नहीं दी।
इसके बाद एनसीटीई ने गंभीर कार्रवाई की है। एनसीटीई ने बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि रिपोर्ट न देने वाले इन कॉलेजों का सत्र शून्य रहेगा। जिन कॉलेजों ने रिपोर्ट नहीं दी है, उनके नाम सत्र 2022-23 की काउंसिलिंग में नहीं जोड़े जाएंगे। उप्र स्ववित्तपोषित कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने कहा कि यह रिपोर्ट दो बार से ऑनलाइन भरी जा रही है।
करीब 100 कानपुर स्थित डीएलएड कॉलेज और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड कॉलेज हैं, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। इनका सत्र शून्य रखने का आदेश हुआ है। अभी सूची सार्वजनिक नहीं की गई है। विवि के शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. मुनेश कुमार ने कहा कि कई बार रिमाइंडर के बाद भी अप्रेजल रिपोर्ट न देने पर एनसीटीई ने कॉलेजों पर कार्रवाई की है।