लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को तमाम योजनाओं तथा विधा में देश में शीर्ष पर लाने वाले योगी आदित्यनाथ दूसरे कार्यकाल में प्रदेश को साक्षरता में भी अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के प्रयास में हैं। बता दें कि पहले चरण की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती जिले से की थी।
प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र 2022-23 में दो करोड़ विद्यार्थियों के दाखिले का लक्ष्य पूरा करने के लिए 27 जून से स्कूल चलो अभियान का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। यह अभियान 15 दिनों तक चलेगा। पहले अप्रैल 2022 में यह अभियान चलाया गया था। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अपने स्कूल के आसपास घर-घर जाकर छह वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करेंगे। अभी परिषदीय स्कूलों में 1.88 करोड़ विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि एक जुलाई से शुरू हो रहे विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत स्कूलों में साफ-सफाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को संचारी रोगों से बचाव के बारे में जानकारी दी जाए। अभिभावकों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करें। स्वच्छता की आदत अनेक बीमारियों से बचाव का सहज माध्यम है विषय पर विद्यार्थियों व अभिभावकों को जागरूक किया जाए।
स्कूल चलो अभियान उत्तर प्रदेश सरकार का बच्चों को प्रेरित करने वाला बड़ा कार्यक्रम है। इसके तहत प्राइमरी तथा बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा कर्मी नया शैक्षिक सत्र प्रारंभ होते ही गांव-गांव जाकर बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताने के साथ स्कूल जाने के लिए प्रेरित करते हैं। प्राइमरी तथा बेसिक स्कूल के शिक्षक रैली निकालने के साथ गांव के हर घर तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर निकलते हैं। अभियान में शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने और स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। इस अभियान में सबसे ज्यादा एडमिशन करवाने वाले प्रिंसिपल को भी सम्मानित किया जाएगा।
घर-घर जाकर सर्वे करेंगे शिक्षक: इस अभियान के दौरान शिक्षक घर-घर जाकर सर्वे करेंगे और पढ़ाई से छूटे हुए बच्चों के अभिभावकों को बच्चों का स्कूल में नामांकन कराने के लिए प्रेरित करेंगे। इतना ही नहीं हर जिले और विकास खंड स्तर पर जनप्रतिनिधियों को बुलाकर अभियान शुरू कराया गया है। इनसे कम से कम एक-एक स्कूल को गोद लेने का लक्ष्य दिया गया है। सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने का भी अभियान प्रारंभ कर दिया है।