बागपत : मीतली गांव के एक अनुसूचित जाति के परिवार ने बौद्ध धर्म अपना लिया। इस परिवार के दो बच्चों का बेसिक स्कूल में कक्षा एक व दो में दाखिला कराया गया, लेकिन अध्यापिका ने दाखिले के अभिलेख में बौद्ध धर्म लिखने से मना कर दिया और साथ ही उन्हें इसके लिए बीएसए से मिलने की सलाह दी। बीएसए ने भी अभिभावक को तहसीलदार से मिलने के लिए कहा है। गांव निवासी अंकित ने बताया कि उनका परिवार हिंदू धर्म की अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखता था। बाद में उनके परिवार ने बौद्ध धर्म को अपना लिया है। उन्होंने परिवार की भतीजी जिया का कक्षा एक और तनु पुत्री कर्मवीर का कक्षा दो में दाखिला गांव के प्राथमिक विद्यालय में कराया है। अंकित ने बताया कि वहां अध्यापिका बच्चों के दाखिले के अभिलेख में हिंदू धर्म की जगह बौद्ध धर्म नहीं लिख रही हैं। अभिलेख में स्वेच्छा के अनुसार धर्म को लिख सकते हैं। इस संबंध में वह एड. संजय सिंह जयंत, राजू, के साथ बीएसए से मिले। बीएसए राघवेंद्र सिंह ने बताया कि स्कूल के दाखिले के अभिलेख में हिंदू के बजाय बौद्ध धर्म लिखने को लेकर कुछ लोग मिले थे। यह प्रकरण तहसीलदार स्तर का है। तहसीलदार से मिलकर निस्तारण कराएंगे।
जांच के बाद जारी होता है प्रमाणपत्र तहसीलदार प्रसून कश्यप ने बताया कि तहसील से अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र जारी किया जाता है, लेकिन हले आवेदन करना पड़ता है। आवेदन की जांच करने के बाद संबंधित व्यक्ति को अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।