लखनऊ। बाल श्रम की रोकथाम को राज्य सरकार कई कदम उठाने जा रही है। किसी औद्योगिक इकाई में बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चे के नियोक्ताओं पर जुर्माने के साथ ही अब उस बच्चे को राज्य सरकार भी 15 हजार रुपये देगी। इसके लिए हर जिले में बाल एवं किशोर श्रम पुनर्वासन निधि का गठन किया जाएगा। बाल श्रम अधिनियम की संशोधित राज्य नियमावली में यह प्रस्तावित किया गया है। इसे शुक्रवार को राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में अनुमोदित कर दिया गया। बैठक में बाल श्रम पर चर्चा करते हुए श्रम विभाग के अपर मुख्य सचिव सुरेश चंद्रा ने समिति की बैठक प्रत्येक 6 माह में कराने के निर्देश दिए।
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