बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का शैक्षिक सत्र शुरू होने के बावजूद अभी तक 56 जिलों ने किताबों का ऑर्डर नहीं दिया है। इस पर शासन ने कार्रवाई करने और 15 दिन में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, प्रकाशकों के लिए किताबों की आपूर्ति की अंतिम तारीख सितंबर की शुरुआत तक निर्धारित है। अधिकारियों का तर्क है किताबें आने के साथ-साथ कुछ जिलों में आपूर्ति जल्द शुरू हो जाएगी। फिर जैसे-जैसे किताबें आएंगी, आपूर्ति होती रहेगी, लेकिन जिलों में आर्डर देने में ही देरी हो रही है। ऐसें में बच्चों को यह पुस्तकें और देर से मिलेंगी। इसके अलावा स्कूलों में बच्चों के नामांकन, स्कूलों को गोद लेने, एमआईएस कोआर्डिनेटर चयन, आधार किट संचालन, न्यायालय में लंबित प्रकरणों आदि के विभिन्न कार्यों की समीक्षा में ढिलाई बरतने वालों को चेतावनी दी गई।
अभी तक 19 जिलों ने ही दिए आर्डर
16 जून से सत्र शुरू होने के बाद अभी तक 19 जिलों ने ही प्रकाशकों को आर्डर दिए हैं। इनमें बुलंदशहर, गाजियाबाद, अलीगढ़, बरेली, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, भदोही, सोनभद्र, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलिया, झांसी, अमेठी, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती शामिल हैं।
फर्नीचर आपूर्ति में देरी पर 12 जिलों से मांगा जवाब
वर्ष 2020-21 में स्वीकृत फर्नीचर आपूर्ति के तहत 20 जिलों में फर्नीचर की आपूर्ति हो चुकी है और 38 में चल रही है। वहीं ललितपुर, सहारनपुर, कानपुर देहात, मैनपुरी, बुलंदशहर, बदायूं, चित्रकूट, आजमगढ़, लखनऊ, श्रावस्ती, आगरा व उन्नाव में आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। ऐेसे 12 जिलों से स्पष्टीकरण मांगने और देरी के लिए जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए हैं।
अवस्थापना सुविधाओं में भी हो रही ढिलाई
ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाएं दुरुस्त करने के मामले में सीतापुर, कुशीनगर, प्रतापगढ़, बांदा, उन्नाव, गोरखपुर, कन्नौज, मऊ, सिद्धार्थनगर की प्रगति कम मिलने पर नाराजगी जताई गई। साथ ही सितंबर 2022 तक काम पूरा कराने के निर्देश दिए गए।
भदोही, लखनऊ, मऊ, हाथरस, देवरिया, कन्नौज, बलरामपुर, औरैया, सिद्धार्थनगर व गोरखपुर में 50 फीसदी से कम ही ब्लूटूथ स्पीकर की खरीद हुई है। लाइब्रेरी संचालन की स्थिति भी कई जिलों में गड़बड़ मिली। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिका छात्रावास व एकेडमिक ब्लॉक के निर्माण में सिद्धार्थनगर, बिजनौर, चंदौली व कुशीनगर की प्रगति सबसे कम मिली।