सिद्धार्थनगर। बेसिक शिक्षा विभाग में विद्यालय खुलने के दो माह बाद भी बिना किताबों के पढ़ाई की जा रही है। अब तक शासन स्तर पर टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इस कारण किताबों का क्रय आदेश नहीं हुआ है। इस तरह की लापरवाही से परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग में एक अप्रैल को नया सत्र शुरू हुआ था, जबकि 20 मई को ग्रीष्मकालीन अवकाश हो गया। अब 16 जून से विद्यालय खुलेंगे, लेकिन अब तक किताबों की आपूर्ति का रास्ता साफ नहीं हुआ है। किताबों के अभाव में विद्यालय जाने वाले बच्चों की पढ़ाई में बाधा पैदा हो रही है। जब बेसिक शिक्षा निदेशालय से आदेश आएगा तो बेसिक विभाग से क्रय आदेश भेजा जाएगा। उसके बाद किताबों की आपूर्ति होगी।
बेसिक शिक्षा विभाग में 2265 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। शिक्षा अधिकारियों एवं शिक्षकों के अभियान के बाद नामांकन का लक्ष्य पूरा हुआ है। घर-घर भ्रमण के प्रभाव से 70,291 नवीन बच्चों का नामांकन हुआ है, विभागीय लक्ष्य 69,955 था। पिछले सत्र में जिले के परिषदीय विद्यालयों में 3.22 लाख बच्चों का प्रवेश हुआ था। कक्षा आठ की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं ने विद्यालयों से स्थानांतरण पत्र प्राप्त कर लिया है। विभाग का अनुमान है कि जिले के परिषदीय विद्यालयों में 3.50 लाख बच्चों को किताबों की आवश्यकता है। शिक्षकों ने अगली कक्षा में प्रवेश करने वाले बच्चों से फटी-पुरानी पुस्तकें प्राप्त की है, लेकिन ये किताबें भी बहुत कम बच्चों को मिली है।
पिछले सत्र में भी देर से मिली थीं किताबें
वर्ष 2021 में भी बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में किताबें देर से पहुंची थीं। इस कारण पढ़ाई बाधित हुई थी। बीआरसी से विद्यालयों तक किताबें पहुंचने में भी देर हुई थी। बर्डपुर क्षेत्र के रक्सेल निवासी रामकिशोर एवं रामू ने कहा कि बिना किताब के बच्चों की पढ़ाई कैसे हो रही है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। पिछले वर्ष भी सरकारी विद्यालयों के बच्चों को किताब के अभाव में दिक्कतें हुईं थीं।
बेसिक शिक्षा निदेशालय से आदेश प्राप्त होते ही किताबों को खरीदने का क्रय आदेश भेजा जाएगा। जिले के लिए जिस फर्म से अनुबंध होगा, उसे क्रय आदेश भेजा जाएगा। किताबें प्राप्त होते ही तत्काल वितरण करायी जाएगी। कुछ बच्चों को पुरानी किताबें प्राप्त हो गई हैं।
देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए