लखनऊ, । पिछले वर्ष की यूनिफार्म अभी पहनी जा सकती है तो क्यों खरीदी जाए? 1100 रुपये में कहां इतनी चीजें कैसे खरीदी जा सकती हैं? घर में समस्याएं थीं तो नहीं खरीद पाए। …ये और ऐसे ही कुछ कारण अभिभावक यूनिफार्म समेत अन्य समान न खरीद पाने के बता रहे हैं।
ये तथ्य मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा योजना का फीडबैक लेने पर सामने आए हैं, जिस पर अब भी 20 हजार मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाई है। इस फीडबैक के तहत कुल 186301 अभिभावकों से बात की गई थी। जिसमें से 66455 अभिभावकों ने पैसा न मिलने की शिकायत की थी। इनमें प्राप्त फीडबैक को संबंधित बीएसए को आईजीआरएस (लॉगिन) में दिया गया था। जिस पर बीएसए को कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट लगानी थी लेकिन अभी तक शत प्रतिशत मामलों में विभाग ने रिपोर्ट नहीं दी है। अब भी 20639 मामले ऐसे हैं, जिसमें बीएसए ने रिपोर्ट नहीं लगाई है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर रिपेार्ट तलब की है। कुल 186301 लाभार्थियों से फीडबैक लिया गया था, जिसमें से 105201 अभिभावकों ने स्वीकारा कि धनराशि उन्हें मिल चुकी है। वहीं 66455 अभिभावकों ने धनराशि प्राप्त न होने की शिकायत की और इनमें से 22689 ने अपने बैंक खाते चेक किए थे।
विभाग को इस वर्ष फिर डीबीटी के लिए 1100 रुपये दिए जाने पर सहमति बन चुकी है लेकिन इससे पहले हर बच्चे की पिछले सत्र में खरीदी गई पूरी यूनिफार्म, जूते-मोजे और स्कूल बैग के साथ प्रेरणा पोर्टल पर फोटो अपडेट करनी होगी।