अब आठवीं कक्षा तक तिमाही परीक्षाएं होंगी
प्रदेश सरकार ने रिजल्ट तैयार करने के लिए सरल ऐप तैयार किया है। इससे आर्टीफिशियल इंटैलीजेंस की मदद से कॉपियां तुरंत ही चेक हो जाएंगी। इसका परीक्षण लखनऊ में सफलतापूर्वक किया गया था लेकिन प्रदेश स्तर पर इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है। परीक्षाएं बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ ओएमआर शीट पर होनी हैं। परीक्षा के बाद दो घंटे में शिक्षक ओएमआर शीट की फोटो खींच कर ऐप पर अपलोड करेंगे एआई से रिजल्ट आ जाएगा।
सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में पहली बार तिमाही परीक्षाएं कराई जाएंगी। पहली परीक्षा जुलाई के अंत में करवाने की तैयारी है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने लक्ष्य तय कर दिए हैं। मार्च में होने वाली आखिरी परीक्षा में वार्षिक परीक्षा को समाहित किया जाएगा।
कक्षा एक से आठ तक की कक्षाओं में यह परीक्षा होगी। जुलाई, अक्तूबर, जनवरी व मार्च में परीक्षाएं करवाने की योजना है और इसका रिजल्ट कार्ड एक हफ्ते के अंदर ही बांटा जाएगा। इससे पहले राज्य सरकार ने मिशन प्रेरणा के तहत साल में दो बार स्टूडेण्ट असेसमेंट टेस्ट (सैट) लेने का निर्णय किया था लेकिन कोरोना संकट के कारण यह संभव नहीं हो पाया। मगर इस बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बेसिक शिक्षा विभाग साल में चार बार परीक्षाएं लेगा और हर तीन महीने में अलग लक्ष्य तय किए जाएंगे। इस बार प्राइमरी स्कूलों में दो करोड़ विद्यार्थियों के नामांकन का लक्ष्य है।
हर तीन महीने के लक्ष्य के बाद जब परीक्षा होगी उससे सभी बच्चों का आकलन एक समय में हो जाएगा। इसके रिजल्ट के बाद बच्चों के स्तर के हिसाब से उन्हें पढ़ाया जाएगा।