भड़रिया बाजार, बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन परिषदीय विद्यालयों में स्कूल खोलने के बाद अध्यापकों की एक और टेंशन बढ़ गयी है। डीबीटी के माध्यम से छात्र छात्राओं के लिए यूनीफार्म, जूता, मोजा आदि खरीदने को धनराशि तो भेज दी गयी थी, मगर अभी भी बड़ी संख्या में छात्र यूनीफार्म का उपयोग नहीं कर रहे हैं। अब जबकि शासन की ओर से सख्त निर्देश दिये गये हैं कि सभी बच्चे प्रतिदिन स्कूल यूनीफार्म में आना सुनिश्चित करें इसके लिए खंड शिक्षाधिकारियों के साथ ही अध्यापकों की जवाबदेही सुनिश्चित की गयी है। साथ ही सत्यापन भी होना है। जिसमें संबंधित जिम्मेदारों के पसीने छूट रहे हैं।
डुमरियागंज के 170 प्राथमिक, 40 उच्च प्राथमिक व 44 संविलियन विद्यालयों सहित कुल 254 परिषदीय विद्यालयों में करीब 33 हजार हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। बेसिक शिक्षा विभाग ने ड्रेस, जूता, मोजा आदि के लिए व्यवस्था में जो बदलाव का रास्ता अख्तियार किया था, उसके परिणाम फिलहाल कोई बेहतर नहीं हैं। बच्चों की यूनीफार्म जूता मोजा आदि के लिए सीधी धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजी जा चुकी है। मगर अभी भी औसतन 30 से 35 फीसदी बच्चों के लिए अभिभावको ने यूनीफार्म ही नही खरीदी है। खंड शिक्षा अधिकारी कुंवर विक्रम पांडेय ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध करायी धनराशि से खरीदी गयी यूनीफार्म, जूता मोजा आदि का सत्यापन कर अध्यापकों के माध्यम से पूरी रिपोर्ट मांगी गयी है।