सरकारी स्कूलों में अब छात्र, छात्राएं यूनिफॉर्म में आएंगे। इसे लेकर बीएसए को महानिदेशक ने निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिले के सभी ब्लाकों में खंड शिक्षा अधिकारी डीबीटी के माध्यम से भेजी गई धनराशि का सत्यापन करेंगे। सत्यापन में सच्चाई सामने आएंगी कि कितने अभिभावकों ने बच्चों को यूनिफॉर्म दिलाई है।
भ्रष्टाचार पर नकेल कसने को शासन ने गत वर्ष एक नई पहल शुरु की थी। सरकारी स्कूलों में शिक्षा लेने वाले छात्रों के अभिभावकों के खाते में यूनिफॉर्म, जूते मौजे, स्वेटर और बैग का 1100 रुपया भेजा गया था। डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा गया था। अध्यापक लगातार शिकायत करते रहे थे कि काफी अभिभावकों ने अपने बच्चों को इस पैसे से यूनिफॉर्म नहीं दिलाई है। कुछ बच्चे बिना यूनिफॉर्म के विद्यालय आते थे तो कुछ बच्चे यूनिफॉर्म पहनकर।
शिक्षकों का कहना था कि बच्चे पुरानी यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल आ रहे हैं। लेकिन अब परिषदीय स्कूलों में बच्चों को यूनिफॉर्म में आना होगा। इसे लेकर बीएसए को निर्देश मिल गए हैं।
वहीं बीईओ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की राशि का सत्यापन करेंगे। बीईओ के द्वारा अपने अपने ब्लाकों के स्कूलों में किए जाने वाले सत्यापन में सच्चाई सामने आएंगी । सत्यापन के बाद ही पता चलेगा कि अभी भी कितने अभिभावकों ऐसे है जिन्होंने इस बजट के बाद बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं दिलाई है। ऐसा माना जा रहा है कि सत्यापन जल्द ही शुरु होगा।
बीईओ और अध्यापकों को निर्देश दिए गए है कि परिषदीय स्कूलों में बच्चे यूनिफॉर्म में आए। कोई भी बच्चा बिना यूनिफॉर्म के न आए। जिले के सभी बीईओ स्कूलों में डीबीटी के माध्यम से भेजी गई धनराशि का सत्यापन भी करेंगे।
-जयकरन यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर।