प्रयागराज। बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त और समाज कल्याण विभाग से संचालित व अनुदानित प्रदेश के 489 प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती और वित्तीय अनुमोदन पर रोक लगा दी गई है। अनु सचिव शासन ने 11 मई को निदेशक समाज कल्याण विभाग को पत्र लिखकर इन स्कूलों में चयन के लिए गठित समिति भंग कर दी है। साथ ही छात्र-शिक्षक अनुपात तार्किक बनाने का अनुरोध किया है।
समाज कल्याण विभाग ने अनुदानित स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों एवं उनमें पंजीकृत व उपस्थित छात्र-छात्राओं की सूचनाएं अक्टूबर 2021 में जिला समाज कल्याण अधिकारियों से जुटाई तो पता चला कि 489 स्कूलों में कुल 71006 छात्र पंजीकृत हैं। इन स्कूलों में स्वीकृत 3676 पदों के सापेक्ष 1759 शिक्षक कार्यरत हैं। कक्षा एक से पांच तक के इन स्कूलों में शिक्षकों के औसतन 7.5 पद स्वीकृत हैं। जबकि छात्र-छात्राओं की संख्या काफी कम है।
कुछ स्कूलों में 23 से 25 तक हैं शिक्षक: यह भी पता चला कि कुल स्कूलों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 23 से 25 तक है। शासन का मानना है कि शिक्षा के सार्वभौमीकरण के बाद समाज कल्याण के इन प्राथमिक स्कूलों की उपादेयता ही समाप्त हो चुकी है क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रति एक से डेढ़ किमी. पर स्कूल स्थापित किए गए हैं।
भविष्य में जरूरत होने पर परीक्षा से होगी भर्ती: शासन ने साफ किया है कि भविष्य में जरूरत होने पर समाज कल्याण के अनुदानित स्कूलों में प्रतियोगी परीक्षा के जरिए शिक्षकों की भर्ती होगी।
30 से कम छात्र वाले स्कूल बंद होंगे
आदेश में साफ है कि जिन स्कूलों में 30 से कम बच्चे पंजीकृत हैं उन्हें अनुदान सूची में बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है। इन स्कूलों के छात्रों को बेसिक शिक्षा विभाग के निकटस्थ स्कूलों में प्रवेश देकर शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में समायोजित करने को कहा है