Bijnor! जिले के अध्यापकों को अब कम्पोजिट ग्रांट के 1-1 रुपये का हिसाब देना होगा। एडी बेसिक मुरादाबाद संजय कुमार रस्तौगी ने 2019 से अब तक का कम्पोजिट ग्रांट का हिसाब मांगा है। बीएसए ने भी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।बेसिक स्कूलों में हर साल कम्पोजिट ग्रांट भेजी जाती है। स्कूल में छात्र संख्या के आधार पर कम्पोजिट ग्रांट का पैसा भेजा जाता है।
यह पैसा एसएमसी और अध्यापक के खाते में जाता है और अध्यापकों को इस पैसे का स्कूल के रखरखाव पर खर्च करना होता है। अब जिले के बेसिक स्कूलों में अध्यापकों को कम्पोजिट ग्रांट का हिसाब देना होगा। जी हां स्कूलों में खर्च हुए कम्पोजिट ग्रांट के पैसे का ब्यौरा एडी बेसिक मुरादाबाद संजय कुमार रस्तौगी ने तलब किया है। इसमें अध्यापक को दिखाना होगा कि यह पैसा स्कूल में किस किस चीजों पर खर्च किया गया है। एक एक रुपये का हिसाब देना होगा। एडी बेसिक के निर्देश पर बीएसए जयकरन यादव ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों से कम्पोजिट ग्रांट का डाटा इकट्ठा करने के निर्देश दे दिए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी इस डाटा को जुटाने में जुट गए हैं। एडी बेसिक ने 2019 से लेकर 2021 तक का कम्पोजिट ग्रांट का डाटा मांगा है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि शीघ्र ही कम्पोजिट ग्रांट का डाटा भेज दिया जाएगा।
एडी बेसिक ने 2019 से लेकर 2021 तक का स्कूलों में भेजी गई कम्पोजिट ग्रांट का ब्यौरा मांगा है। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इससे कम्पोजिट ग्रांट की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। जल्द ही एडी बेसिक को कम्पोजिट ग्रांट का पूरा ब्यौरा भेज दिया जाएगा।
जयकरन यादव, BSA बीएसए, बिजनौर।