एक दर्जन डीएलएड कॉलेजों का प्रवेश लेने से इनकार
लखनऊ, इस वर्ष एक दर्जन डीएलएड (पुराना नाम बीटीसी) कॉलेजों ने प्रवेश लेने से इनकार कर दिया है। कॉलेजों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र लिख कर कहा है कि उन्हें विद्यार्थी आवंटित न किए जाएं। प्रदेश में डीएलएड के 3100 निजी कॉलेज हैं।
पिछले तीन-चार वर्षों से यूपी में डीएलएड की सीटें खाली रह जा रही हैं। प्रदेश में डीएलएड की 2.50 लाख सीटें हैं लेकिन पिछले वर्ष भी 50 फीसदी सीटें खाली रह गई थीं। अब डीएलएड कॉलेज विद्यार्थियों के लिए तरस रहे हैं। वर्ष 2009 में आरटीई कानून लागू होने के बाद कक्षा एक से पांच तक में केवल बीटीसी वालों को ही मान्यता दी गई थी। इसके बाद निजी कॉलेजों ने भी डीएलएड पाठ्यक्रम को जोड़ा और बीते 10 सालों में 3100 कॉलेज खुल चुके हैं। बीते कुछ वर्षों में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती बड़े पैमाने पर हुईं और अब एनसीटीई ने बीएड को भी कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए पात्र कहा है, इसके बाद डीएलएड का क्रेज खत्म हो रहा है।