रायबरेली। जिले के करीब पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में स्थापित होने वाली पोषण वाटिका गांवों में तैयार पौधों से संवरेगी। डीएम माला श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित समूह की महिलाओं से पौधे तैयार कराने के आदेश दिए हैं।
इससे एक ओर जहां वाटिका के लिए गांव स्तर पर ही पौधे मिल जाएंगे, वहीं समूहों की आर्थिक आय भी बढ़ जाएगी। डीएम ने इसी महीने समूहों के माध्यम से काम शुरू कराने के आदेश दिए हैं।
जिले में 2833 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसमें 114 आंगनबाड़ी केंद्रों को जिला स्तरीय अधिकारियों ने गोद ले लिया है। इसके अलावा परिषदीय स्कूलों को भी गोद लिया गया है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह में स्वास्थ्य एवं पोषण ईसीसीई और आधारभूत सुविधा के मानकों पर विकसित किया जाएगा। जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर परिषदीय स्कूलों में पोषण वाटिका स्थापित करने के आदेश दिए गए हैं। इन वाटिकाओं में सेहत को मजबूत करने वाले पौधे लगाए जाएंगे।
डीएम ने गांव स्तर पर ही पौधों की व्यवस्था कराने के लिए एनआरएलएम से गठित महिला स्वयं सहायता समूहों से पौधे तैयार कराने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने एनआरएलएम के उपायुक्त को समूहों सेे इसके लिए काम शुरू कराने के निर्देश दिए। उन्होंने समूहों से सहजन, कढ़ीपत्ता, पालक, चुकंदर, सोयाबीन, नींबू, अमरुद, केला, अनार आदि पौधे तैयार करवाने के आदेश दिए हैं।
रेल कोच फैक्टरी के कई इंजीनियरों ने स्कूल लिए गोद
आंगनबाड़ी केंद्रों और परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर कराने के लिए डीएम माला श्रीवास्तव के शुरू हुए प्रयास कर असर दिखने लगा है। विभागीय अधिकारियों के अलावा अन्य लोग भी आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं। लालगंज स्थित रेलकोच फैक्टरी के कुछ इंजीनियरों ने डीएम से मिलकर आसपास के स्कूलों को गोद लेने की पेशकश की है। रोजाना कुछ समय निकालकर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की भी बात कही है।
स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका के लिए एनआरएलएम की महिला समूहों से पौध तैयार कराए जाएंगे। इससे समूहों को आर्थिक लाभ होगा। यह काम जल्द शुरू कराया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्कूलों को गोद लेने के लिए रेलकोच के इंजीनियरों के साथ अन्य लोग भी सामने आ रहे हैं। यह अच्छी बात है।
माला श्रीवास्तव, जिलाधिकारी