रायबरेली। परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं के नामांकन बढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल संचालकों के ऊपर अभियान चलाकर शिकंजा कसना शुरू किया था। विकास खंड बहादुरपुर के 68 संचालित निजी स्कूलों में 40 का निरीक्षण करने पर 13 स्कूल ऐसे मिले थे, जो मान्यता से इतर चलते पाए गए थे। कुछ कक्षा पांच की मान्यता लेकर आठ तक का शिक्षण कार्य करते पाया गया तो कुछ स्कूल कक्षा आठ की मान्यता लेकर नौवीं व दसवीं कक्षा संचालित करते पाए गए थे। मान्यता से इतर जो स्कूल चल रहे हैं उनका दावा है कि उन्होंने छात्रों का पंजीकरण करा रखा है लेकिन सच कुछ और है।
जायस क्षेत्र के विकास खंड बहादुरपुर में शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मान्यता लेकर 68 विद्यालय संचालित किए जा रहे है। हाल ही में परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन संख्या बढ़ाने के लिए निजी स्कूलों की मान्यता की जांच करने के लिए टीम गठित कर अभियान चलाया गया था। अभियान में 68 विद्यालय के सापेक्ष 40 निजी स्कूलों के प्रपत्र बीईओ राकेश कुमार सचान द्वारा जांचे गए थे। जिसमें जांच के बाद 13 स्कूल ऐसे पाए गए थे जिनकी मान्यता पांच की थी तो पर कक्षाएं आठ तक और जिनकी मान्यता कक्षा आठ तक थी तो वहां नौवीं व दसवीं की कक्षाएं संचालित पाई गई थी। निरीक्षण में और भी तमाम अनियमितताएं पाई गई थी लेकिन ऊंची पहुंच और जुगाड़ के आगे सब सही हो गया था। मानक के अनुरूप शिक्षक-शिक्षिकायें न पाए जाने पर उन्हें नोटिस भी थमाई गई थी। जिसका कोई खास असर नहीं दिखाई दिया। निरीक्षण के दौरान लक्ष्य पब्लिक स्कूल, सेंट मीणा पब्लिक स्कूल, सनराइज पब्लिक स्कूल, रानी अवंती बाई लोधी पब्लिक स्कूल, न्यूइरा पब्लिक स्कूल, सुभाष पब्लिक स्कूल, आइडियल पब्लिक स्कूल, आशाराम पब्लिक स्कूल, एकलब्य सरस्वती शिशु मंदिर, यू लाइक पब्लिक स्कूल में मान्यता से इतर होकर कक्षाएं संचालित पाई गई थी। शिक्षा विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि मान्यता से इतर चल रहे 13 स्कूलों की कक्षाओं के 570 छात्र-छात्राओं का नामांकन निकटतम उच्च माध्यमिक विद्यालय व कंपोजिट विद्यालयों में करा दिया गया था। सूत्रों की मानें तो विकास खंड बहादुरपुर में संचालित 83 परिषदीय विद्यालयों को नए सत्र में दो हजार नौ सौ 85 नवीन नामांकन करने का लक्ष्य दिया गया था। शिक्षा विभाग ने दोहरा चरित्र अपनाते हुए पहले तो अभियान चलाकर मान्यता से इतर चल रही कक्षाओं के संचालन पर रोक लगाई फिर परिषदीय विद्यालयों में नामांकन के लिए मिले लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन कक्षाओं के छात्र-छात्राओं का नामांकन निकटतम जूनियर स्कूलों में कराने का दावा कर रहा है। जबकि निजी संचालित स्कूलों में मान्यता से इतर चल रही कक्षाएं आज भी उन्हीं स्कूलों में संचालित की जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने नोटिस थमाकर महज कागजी कोरम ही पूरा किया था। वहीं खंड शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार सचान ने बताया कि अभियान चलाकर निजी विद्यालय संचालकों के ऊपर शिकंजा कसा गया था। उनका दावा है कि जिनके यहां मान्यता से अधिक की कक्षाएं चल रही थी। उन छात्र-छात्रों का निकटतम जूनियर हाई स्कूल में नामांकन कराया गया है और वह छात्र-छात्राएं जूनियर हाई स्कूल में ही अध्यनरत हैं। बीईओ ने बताया कि जुलाई माह में फिर से स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा उस समय जारी नोटिस का अनुपालन न करने वाले विद्यालय के संचालकों से एक लाख रुपये जुर्माने की राशि वसूली जाएगी, जुर्माना न भरने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।