प्रयागराज बीएड विषय के लिए हुई असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षा में कुछ प्रश्न गलत पूछे गए तो कुछ के उत्तर गलत थे। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग ने लिखित परीक्षा के परिणाम से पहले उत्तरकुंजी जारी की तो कई उत्तरों पर आपत्ति की गई। सभी में सुधार के बजाय परिणाम जारी कर साक्षात्कार करा लिया गया।
इधर, हाई कोर्ट के आदेश पर प्रश्नों की जांच हुई तो गलती सामने आई। ऐसे में अब उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को परिणाम संशोधित करना पड़ेगा। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बीएड के 113 पदों पर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) ने 30 अक्टूबर, 2021 को लिखित परीक्षा कराई थी। इसके बाद उत्तर कुंजी जारी हुई तो अभ्यर्थी बैजनाथ पांडेय ने 13 उत्तरों को लेकर आपत्ति की। उनकी आपत्ति के बाद यूपीएचईएससी ने छह प्रश्नों का उत्तर बदलते हुए 17 फरवरी को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। उसके बाद साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू हो गई। इसी बीच बैजनाथ पांडेय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। उनके अधिवक्ता चंद्रकेश राय और तेज बहादुर राय ने हाई कोर्ट में बताया कि 13 उत्तरों पर आपत्ति पर आयोग ने सिर्फ छह के उत्तर सही किए। हाई कोर्ट ने शेष सात प्रश्नों की जांच इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञों को सौंपी। साथ ही आयोग को निर्देश दिया कि एक अभ्यर्थी ने याचिका दायर की है, इसलिए एक पद रोकते हुए परिणाम जारी कर दें। आयोग ने 28 अप्रैल को 112 पदों का अंतिम परिणाम जारी कर दिया। इन सभी को 31 मई को कालेज आवंटन होना था, उसी दिन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी और बताया कि सात प्रश्नों में से पांच में गलती है।
किन प्रश्नों में हुई है गलती विशेषज्ञों की टीम ने कोर्ट को बताया कि पेपर सीरियल नंबर ए का प्रश्न 21 व सीरियल बी का प्रश्न 30 एक ही था। यह प्रश्न गलत है। ऐसे ही सीरियल ए का 96 व सीरियल बी का 43 और सीरियल ए का 71 व सीरियल बी का 88 नंबर प्रश्न गलत है। इसके अलावा दो और प्रश्नों के उत्तर हिंदी व अंग्रेजी वर्जन के विकल्प में अलग-अलग हैं, जबकि दोनों भाषाओं में पूछे गए प्रश्न के उत्तर का विकल्प एक होना चाहिए।