सीतापुर। बेसिक शिक्षा विभाग ने विदेश जाने की अनुमति जिले में सिर्फ एक शिक्षिका को दी है। लेकिन हालात इससे ठीक उलट हैं। जिले के तमाम शिक्षक इस समय विदेशों में घूम रहे हैं। कोई अपनी फोटो दुबई से शेयर कर रहा है तो कोई आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड से शेयर कर रहा है। इन सबके बीच बिना अनुमति के विदेश घूम रहे जिले शिक्षकों की यह फोटो अब विभाग के जिम्मेदारों के पास भी पहुंच गई हैं। हैरान अचंभित महकमे के अधिकारियों ने बिना अनुमति के विदेश की सैर करने गए शिक्षकों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है।
बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों को विदेश जाने के लिए पहले बीएसए के पास आवेदन करना होता है। उसके बाद बीएसए बीईओ से रिपोर्ट लेते है। फिर बीएसए विदेश जाने की अनुमति के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव के पास फाइल भेजते है, फिर सचिव ही शिक्षकों को विदेश जाने की अनुमति देते है। अगर कोई शिक्षक बिना अनुमति के विदेश जाता है तो उसके खिलाफ निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई करने के सख्त निर्देश हैं।
इस समय गीष्मवकाश चल रहा है तो शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग से अनुमति लिए बिना ही चोरी छिपे विदेश निकल गए हैं। वह विदेश में खूब मौज मस्ती कर रहे हैं। विदेशों में सैर सपाटे की अपनी फोटो मित्रों को भेज रहे है। कई मित्रों ने इनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी है।
इसके अलावा किसी भी शिक्षक को विदेश जाने की अनुमति नहीं है, जबकि इस समय तमाम शिक्षक चोरी छिपे विदेश पहुंच गए हैं। कई शिक्षक तो अपनी गोपनीयता बनाए हुए है तो कई विभागीय कार्रवाई से बेखौफ होकर करीबियों को फोटो भेज रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी भनक लगते ही अब इन फोटो शेयर करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की जांच शुरू करा दी है।
इससे पहले भी कई शिक्षकों पर हो चुकी है कार्रवाई
बेसिक शिक्षा विभाग में विदेश जाने का यह कोई पहली बार मामला सामने नहीं आया है। इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले उजागर हो चुके है। करीब दो साल पहले बिसवां की एक शिक्षिका बिना अनुमति के विदेश चली गई थी। जब पूरा मामला खुला तो जांच करके कार्रवाई की गई थी। इसी तरह कसमंडा ब्लॉक में एक शिक्षक विदेश चले गए। पहले इनके मित्रों ने इनकी फोटो छिपाए रखी, इससे यह बराबर वेतन लेते रहे। जब इन मित्रों से इनकी नहीं बनी तो बीएसए से शिकायत कर दी गई। उसके बाद इन शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी।
अनुमति लेने की लंबी है प्रक्रिया
अगर किसी शिक्षक को विदेश जाना है तो पहले बीएसए के पास आवेदन करना होता है, उसके बाद बीईओ से उसकी जांच करवाई जाती है। फिर सचिव को फाइल भेज दी जाती है। फिर सचिव पर निर्भर रहता है कि वह विदेश जाने की अनुमति देते हैं कि नहीं। इस दौरान अगर अवकाश मिल जाता है तो नो वर्क नो सैलरी का फॉर्मूला लागू होता है। इस तरह के तमाम झंझटों से बचने के लिए शिक्षक आवेदन ही नहीं करते है। चुपके से विदेश चले जाते हैं, वह विदेश जाकर सैर पूरी कर भी अपनी तनख्वाह बेहिचक लेते रहते हैं।
बिना अनुमति जाने पर की जाएगी कार्रवाई
अभी परसेंडी विकासखंड की एक शिक्षिका के दुबई बिना अनुमति के जाने की जानकारी हुई है। कई लोगों ने मामले में फोटो शेयर करके शिकायत की है। इस पर बीईओ से जांच रिपोर्ट मांगी गई है। हाल ही में सिर्फ गोंदलामऊ की एक शिक्षिका को ही विदेश जाने की अनुमति दी गई है, अन्य कोई जानकारी में नहीं है। अगर किसी की फोटो व अन्य माध्यम से जानकारी मिलती है तो जरूर कार्रवाई की जाएगी।
अजीत कुमार, बीएसए