अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में किसी भी पटल पर कोई कार्य लंबित नहीं रहेगा। वजह, बेसिक शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बीएसए कार्यालयों में क्लीन डेस्क पॉलिसी लागू करने के के आदेश जारी कर दिए। शिक्षकों को भी कार्य कराने के लिए कार्यालय के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी। किसी भी पटल पर कोई कार्य लंबित रहने पर पटल संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
परिषदीय विद्यालय 16 जून से खुल रहे हैं। छात्रों व शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जिला व ब्लॉक स्तर की टास्क फोर्स द्वारा औचक निरीक्षण भी होंगे। विद्यालय में चल रही गतिविधियों को क्रियान्वित करने के लिए 16 जून से 30 जून के बीच प्रधानाध्यापकों, एआरपी तथा शिक्षक संकुलों की बैठक ब्लाक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा लेकर उन्हें गतिशील बनाने की योजना है।
प्रदेश स्तरीय अधिकारियों द्वारा बीएसए कार्यालयों के निरीक्षण किए जाएंगे, जिनमें विभिन्न पटल पर लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी। लंबित मामलों में मान्यता प्राप्त विद्यालयों की फाइलें, अध्यापकों के विरुद्ध गतिमान जांच में प्रगति, शिक्षकों के लंबित अवकाश आदि शामिल है। क्लीन डेस्क पॉलिसी के बाद समय सीमा में कार्य करना होगा। न करने पर पटल संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ : गर्मी की छुट्टियों के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय 16 जून से खुलने हैं। विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालयों का निरीक्षण शुरू हो रहा है, इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी कर दिए गए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद सहित महकमे के बड़े अधिकारी जिलों के दौरे पर निकलेंगे।
गर्मी की छुट्टियों के बाद 16 जून से प्राइमरी व जूनियर स्कूल खुल जाएंगे। 16 से 20 जून के बीच अधिकारी और जिला-ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स निरीक्षण करेंगे। इस संबंध में शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरन आंनद ने शैक्षिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारी व टास्क फोर्स विद्यार्थियों व शिक्षकों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करें। आदेश के मुताबिक 16 से 20 जून के बीच ब्लॉक स्तर पर प्रधानाध्यापकों की बैठक आयोजित की जाएगी और स्कूलों की तैयारियों की समीक्षा होगी।
16 से 25 जून के बीच ब्लॉक स्तर पर अकादमिक रिसोर्स पर्सन की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें स्कूलों के सपोर्टिव सुपरविजन की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। 18 से 30 जून के बीच शिक्षक संकुल की बैठक भी होगी।
महानिदेशक विजय किरन आंनद ने जिलों में निलंबित शिक्षकों की जांच की कार्रवाई को प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मान्यता के प्रकरण समय पर निस्तारित किए जाएंगे। जर्जर व ध्वस्त होने वाले स्कूल भवनों में कक्षाएं संचालित न की जाएं और उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पिछले वर्ष डीबीटी के माध्यम से जो धनराशि अभिभावकों के खाते में दी गई थी, स्कूलों में यह देखा जाए कि विद्यार्थियों के लिए उस धनराशि से यूनिफार्म, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग आदि खरीदा गया हो और वे उसे पहन कर स्कूल आ रहे हों।